Dharma-Karma, Spirituality, Dharm adhyatm , Astrology : राम जानकी मंदिर बरियातू में पांचवें दिन की कथा में पं रामदेव पाण्डेय जी ने कहा कि अधर्म जब बढ़ता है तो पृथ्वी देवताओं के पास गुहार लगाती है। राम और कृष्ण के जन्म जन्म समय भी यही हुआ। देवता पृथ्वी के वेदना को समझकर मनुष्य बन जाते हैं। यह कथा कहती हैं कि जब अधर्मी बढ़ते हैं तो सबसे अधिक शिकार नारी और राजा होता है। दुनिया के सभी युद्ध, विभाजन, आन्दोलन और विभीषिका का शिकार नारी होती है। पृथ्वी नारी स्वरूप है, और धर्म की ग्लानि को नारी और ईश्वर दोनों समझते हैं।
नारी अधर्म को रोक सकती है।
कंस व कौरवों ने नारी का केस पकड़ा, परिणाम…
राम – कृष्ण, शिवाजी और गुरु गोविन्द जैसे पुत को जन्म देकर या स्वयं दुर्गा – काली बनकर। सनातन की गौरव नारी है। अनुसूया से लेकर लक्ष्मी बाई, अहिल्याबाई होलकर तक। बहन देवकी का केश पकड़ा कंस ने और द्रोपदी का केश पकड़ा दुशासन ने। परिणाम आप सब जानते हैं। कृष्ण ने छठी के दिन जहर लेकर आई पुतना को माता का गति दिया। कृष्ण ने भोंमासुर के जेल में बंद सोलह हजार नारियों को मर्यादा दिया और पति होने का नाम दिया। लाचार मजबूर द्रोपदी का भाई बनकर न्याय दिलाया, परन्तु नारी अपने बच्चों के लिए प्रथम आचार्य है। उन्हें चाहिए की सप्ताह में एक दिन बच्चों को मन्दिर और कथा भजन कीर्तन में जरूर लें जाएं। जो माता बेटा- बेटी में संस्कार नहीं देते वही बाद में पुलिस, नेता, पण्डित, मुल्लों के पीछे बच्चों के लिए रोती है। माता सब बच्चों को संस्कार दें तब सहूलियत दे। यह कथा बारह अगस्त तक चलेगी।