Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, religious : अगर आप सनातन धर्मावलंबी हैं तो भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक नंदी महाराज के बारे में जरूर जानते होंगे। वह हर समय भगवान शंकर के साथ रहते हैं। शिव मंदिरों में द्वारपाल के तौर पर नंदी को आपने जरूर विराजमान पाया होगा। कहा जाता है कि नंदी की पूजा किए बिना शिव की पूजा पूरी नहीं होती है। आपने भोले के भक्तों को नंदी के कान में भी धीरे से कुछ बोलते देखा होगा। दरअसल, भक्त उनसे अपनी मनोकामना प्रकट करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से मनोकामना जल्द पूरी हो जाती है। बशर्ते कि आप सही ढंग से अपनी बात उनतक पहुंचा सके। आइये आज इसी पर चर्चा करें…
शिव के द्वारपाल नंदी से जुड़ीं खास बातें
✓ शिव मंदिर जाएं तो नंदी की पूजा जरूर करें। केवल शिवलिंग की पूजा करने से पूरा पुण्य नहीं मिलता है।
✓शिवलिंग की पूजा करने के बाद नंदी के सामने दीपक जरूर जलाएं। साथ ही शिव जी के साथ-साथ नंदी की आरती भी करें।
✓पूजा-आरती करने के बाद किसी से बातचीत न करें और नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोल दें।
✓ शिव ज्यादातर तपस्या में लीन रहते हैं। ऐसे में उनकी तपस्या में विघ्न न पड़े, लोग अपनी समस्या नंदी के कान में बोलकर चले जाते हैं और वह शिवजी तक पहुंच जाती हैं।
✓ मान्यता है कि शिव ने नंदी को खुद यह वरदान दिया था कि जो व्यक्ति तुम्हारे कान में अपनी मनोकामना कहेगा, उसकी इच्छा जरूर पूरी होगी।
✓मनोकामना नंदी के बाएं कान में बोलें। यह ज्यादा शुभ माना जाता है।
✓ कभी भी ऐसी मनोकामना न कहें, जिससे किसी का बुरा या अहित हो।
✓मनोकामना बोलने के बाद नंदी के सामने पैसे, फल, मिठाई आदि अर्पित करें।