Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm : सनातन हिंदू परंपरा में सावन का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। इत्तेफाक से 19 वर्ष बाद दुर्लभ संयोग बना है, जब सावन पूरे 59 दिनों का हो रहा है। हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी मनाई जाती है, जिसे कमला एकादशी भी कहा जाता है। इस वर्ष पद्मिनी एकादशी का व्रत अधिक मास में ही रखा जाएगा, जो कई मायनों में शुभ फलदायी है। कहते हैं कमला एकादशी को अगर आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान धरते हैं तो जीवन हो जाएगा सफल। आइये इस संबंध में और जानें…।
भक्तों को भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद मिलता है
सनातन मान्यताओं के अनुसार पद्मिनी एकादशी का व्रत रखने से भक्तों को भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा उपासना की जाती है।
ऐसे करें पूजा- अर्चना
जहां तक पूजा विधि की बात है तो सूर्योदय से पहले गंगा जल से स्नान करें। इसके बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, चंदन, दूर्वा आदि से करें। पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ और आरती अवश्य करें। पूजा करने के बाद दिनभर उपवास रखें। संध्या में आरती कर फलाहार करें।
पद्मिनी एकादशी तीन वर्ष में एक बार आता है
कहते हैं पद्मिनी एकादशी तीन वर्ष में एक बार आता है। इसके कारण इस व्रत का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पद्मिनी एकादशी व्रत रखने से यश और कीर्ति में बढ़ोतरी होती है। व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और संतान-सुख की प्राप्ति होती है।