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हिंदुत्व का उत्थान काल : 27 लाख दीपकों से दीप्त होगी रामनगरी अयोध्या, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में

हिंदुत्व का उत्थान काल : 27 लाख दीपकों से दीप्त होगी रामनगरी अयोध्या, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी में

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Depotsav in Ayodhya, Ram janmabhoomi, National news, Ramnagari Ayodhya : अयोध्या के जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में हो जाएगी। इसी के साथ हिंदुत्व का उत्थान काल भी भारत में शुरू हो जाएगा। इसकी तैयारियां द्रुत गति जे चल रही हैं। इससे पूर्व यहां का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा और वहां से उड़ानें शुरू हो जाएंगी। एक बात और  रामलाल की नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही अयोध्या यूपी की पहली सेफ सिटी बन जाएगी। नवंबर माह में पड़ने वाला दीपोत्सव भी इस बार बेहद भव्य और दिव्य होगा। अयोध्या के घाट ही नहीं ,मठ मंदिर भी दीयों की रोशनी से जगमगा उठेंगे। दीपोत्सव के लिए अभी से युद्धस्तर पर कार्य शुरू हो गया है। इस बार 27 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है जो पहले से कहीं ज्यादा होगा। पहले 24 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया था। इसके साथ ही उन दीयों में लगाने के लिए 30 लाख बाती की व्यवस्था भी की जा रही है। हर बार की तरह इस बार भी अवध विश्वविद्यालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है। अवध विश्वविद्यालय ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है।अयोध्या के 51 घाटों पर दीये जलाए जाएंगे। अयोध्या का दीपोत्सव हर बार पहले से ज्‍यादा भव्य तो होता ही है। हर बार पहले का रिकॉर्ड भी तोड़ता रहा है।

51 घाटों पर लाख लीटर तेल व 30 लाख बाती का प्रबंध

इस बार वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए 24 लाख दीये जलाने की व्यवस्था की गई थी जोकि बाद में 27 लाख कर दी गई। इसके पीछे की सोच यह है कि अगर रिकॉर्ड की जरूरत के अनुरूप कुछ दीये निर्धारित अवधि से पहले बुझ भी जाएं तो भी रिकॉर्ड पूरा हो। इसके साथ ही सभी 51 घाट दीयों की रोशनी में जगमगाएंगे। रिकॉर्ड में शामिल होने के लिए दीये का कम से कम 30 -40 मिनट तक जलना जरूरी है।

दीपोत्सव के लिए नोडल एजेंसी अवध विश्वविद्यालय ने नोडल अधिकारी संत शरण मिश्र के नेतृत्व में योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके मुताबिक 27 लाख दीये जलाए जाएंगे। इसके लिए 1 लाख लीटर सरसों का तेल लगेगा जिससे ये दीये करीब 45 मिनट तक जगमगाएंगे। इसके साथ ही दीयों में लगाने के लिए करीब 30 लाख बाती भी होगी। अवध विश्वविद्यालय के छात्र वॉलेंटियर  इन दीयों को सरयू के घाट पर सजाने और इसमें बाती लगाने का काम करेंगे।   सरयू के सभी घाटों की साफ सफाई और वहां व्यवस्था की जिम्मेदारी अयोध्या नगर निगम कर रहा है। तैयार योजना के अनुसार हर दीये में 40 मिलीलीटर सरसों का तेल डाला जाएगा। यह काम भी अवध विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक संपादित करेंगे।

राम की पैड़ी पर होगा अद्भुत नजारा

यूं तो सरयू नदी के सभी 51 घाटों पर दीये जलाए जाएंगे।अयोध्या का हर गर दीपिन के आलोक से आलोकित होगा, पर हर बार की तरह मुख्य समारोह और आयोजन राम की पैड़ी पर होगा। इसके लिए राम की पैड़ी पर विशेष डिजाइन तैयार किया जा रहा है। अवध विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के छात्रों और शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। राम की पैड़ी पर राम कथा से सम्बंधित दृश्यों की आर्ट लाइन तैयार की जाएगी। पहले उसको तैयार किया जाएगा और फिर उसके अनुसार दीये सजाए जाएंगे। इससे राम कथा के प्रसंग और दृश्य दीयों के माध्यम से दिखाई देंगे।

25 हजार छात्र होंगे वॉलेंटियर

इस बारजो  लक्ष्य रखा गया है,उसके मुताबिक अक्टूबर में ही ले आउट डिजाइन और दूसरी व्यवस्था का काम पूरा कर लिया जाए। इसके लिए दीपोत्सव से चार दिन पहले ही सभी तैयारियों को पूरा कर लिया जाएगा, जबकि प्लानिंग की सारी तैयारी 20 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी। राम की पैड़ी में 14x 14 के ब्लॉक्स बनाए जाएंगे। हर ब्लॉक में 196 दीये सजाए जाएंगे। इस बार 25 हजार छात्रों को वॉलेंटियर बनाया जाएगा। ये छात्र अवध विश्वविद्यालय और उससे सम्बद्ध अन्य कॉलेजों के होंगे। अयोध्या के इंटर कॉलेजों के छात्रों को भी वॉलेंटियर बनाया जाएगा। दीपोत्सव की तैयारी में जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे जबकि अलग अलग विभागों और प्रतिनिधियों की 22 समितियां भी बनायी गयी हैं। 2022 में 15 लाख 76 हजार दीपक जलाए जाने का कीर्तिमान गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था।

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