Jharkhand Update News, Ranchi, Katha Vachan, pt. Ramdev Pandey : राक्षसी शक्तियां बड़ी तेजी से बढ़ती हैं। रक्तबीज महिषासुर, रावण जैसे पंथवादी, जो स्वयं को भगवान कहते हैं, ये मायावी भी होते हैं, ये अधर्म को धर्म बताते हैं, ये स्वयं के डीएनए में ही छेड़छाड़ करते हैं, जो छेड़छाड़ वैज्ञानिक पशुओं में भी नहीं करना चाहते हैं, यही विनाश का कारण बहुल संख्यावाले जीवों का होता है। यह कहना है पंडित रामदेव पाण्डेय का। वह बरियातू हाउसिंग काॅलोनी में विगत 26 जुलाई से कथा वाचन कर रहे हैं।
श्रद्धालु श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़नेवाले पौधे, लता और मजहबी विचारों की आयु कम होती है, शेर और हाथी की संख्या कम है, लेकिन भेड़-बकरियां की संख्या सर्वाधिक है, इसलिए सनातनी भीड़ को देख कर न लालायित होइए, न हताश और न डरिए। अधर्मी रावण की तरह अत्यधिक रथ और हथियार से पूर्ण हो, तो भी राम जमीन से युद्ध लड़ कर रावण को और पाण्डव कौरवों को तथा भारतीय फिरंगियों को धूल-धूसरित कर देते हैं। इसलिए सत्य और शाश्वत धर्म सनातन है और शेष धर्म खतरे में हैं। यही धर्म विचार धारा ब्रह्मांड के समाप्ति काल तक रहेगी। सनातन के राजा ययाति और विश्वामित्र के वंशज दुनिया में फैल गये, इसलिए सारी दुनिया में ब्राह्मण का डीएनए मिलता है। यही यहुदी धर्म बनाये, सारी दुनिया में यहुदी फैल गये। लेकिन, आज सिर्फ इजरायल में है, फिर बौद्ध आया, दर्जनों राष्ट्र में फ़ैल गया। लेकिन, आज कोई बौद्ध राष्ट्र नहीं है। विश्व में ईसाइयत की लालटेन नहीं बुझती थी, लेकिन 56 देश में इस्लाम फैल गया, ईसाई सिमट गये। इस्लाम शासित तीन चौथाई देश भुखमरी से गृहयुद्ध के शिकार हैं और शाश्वत सनातन धर्म की संस्कृत कम्प्यूटर के छठे जनरेशन की भाषा बन गयी है। दर्जनों राष्ट्र में हिन्दुत्व बढ़ रहा है।
कथा के आयोजकों ने बताया कि अब 12 अगस्त तक श्री शिवपुराण की कथा होगी।