Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

अमेरिका की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में स्थापित हुए पवनपुत्र हनुमान

अमेरिका की तीसरी सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में स्थापित हुए पवनपुत्र हनुमान

Share this:

90 फुट ऊंची प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ नाम दिया गया 

Dharm adhyatma : अमेरिका के ह्यूस्टन में स्थपित पवनपुत्र हनुमान की 90 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण काफी चर्चा में है।  य़ह प्रतिमा जितनी आकर्षक है,उतने ही भव्य तरीके से इनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान रामदूत अतुलित बलधामा,अंजनी पुत्र पवन सूत नामा है।  जो प्रभु श्रीराम का संदेश लेकर पहली बार लंका गए थे। उन्होंने माता सीता को आश्वस्त किया कि जल्द प्रभु आकर राक्षसों का नाश करेंगे और आपके पास आयेंगे। माता सीता और प्रभु श्री राम को मिलाने में हनुमानजी की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करते हुए इस प्रतिमा को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ का नाम दिया गया है। हनुमान जी की यह प्रतिमा अमेरिका में तीसरी सबसे बड़ी मूर्ति है।

यह भी पढ़े : बसंत पंचमी पर हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह पर क्यों खेली जाती है फूलों की होली

टेक्सास के श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर परिसर में हुई स्थापना 

हनुमान जी के 90 फुट की विशाल प्रतिमा की स्थापना टेक्सास के शुगर लैंड क्षेत्र के श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर परिसर में स्थापित किया है। इस प्रतिमा की स्थापना की परिकल्पना चिन्नाजीयर स्वामी जी की रही। स्टैच्यू ऑफ यूनियन के website वेबसाइट के अनुसार, यह प्रतिमा अमेरिका की तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति है। वहीं दुनियाभर में मौजूद हनुमानजी की टॉप 10  ऊंची प्रतिमाओं में से भी टेक्सास की प्रतिमा को एक बताया जा रहा है। उसमें कहा गया है, “यह हमारे लिए एक अवसर है कि हम एक समुदाय के रूप में भविष्य की पीढ़ियों के लिए भगवान हनुमान का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करें।”

हनुमान जी की मूर्ति पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा

हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा भी काफी भव्य तरीकें से किया गया, इस दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग मौजूद रहे। वेबसाइट में बताया गया है, स्टैच्यू ऑफ यूनियन को आध्यात्म का केंद्र बनाने की कोशिश है, जहां मन को शांति और आत्माओं को निर्वाण की राह पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले। इसकी स्थापना अमेरिका की हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने की है। संस्था के द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ‘भगवान हनुमानजी, भगवान श्रीराम की सेवा के दौरान कई अतुल्यनीय क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं, जिनमें गति, शक्ति, साहस और बुद्धिमानी आदि शामिल हैं। दोनों के बीच की दोस्ती बहुत गहरी है और भगवान हनुमान, भगवान राम के प्रति गहरा समर्पण रखते हैं।’

Share this: