The world’s scariest temple, here even the dead become alive in front of Shivling, there is a connection with Mahabharata, religious, dharm, Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, jyotish Shastra, dharmik totke, dharm adhyatm, Dehradun news, Uttrakhand news : यह बात तो हम सभी जानते हैं, विधि के विधान को कोई नहीं बदल सकता, धरती पर जन्म लेने वाले व्यक्ति की जिस दिन और जिस वक्त मृत्यु लिखी है, उसे तभी जाना है। इसी लिए कहते हैं कि जो चला गया वो कभी वापस नहीं आ सकता। लेकिन अगर भगवान चाहें तो उनके लिखे नियमों में भी बदलाव हो सकता है। अब आप यही देख लीजिए उत्तराखंड में ही शिव का एक अनोखा मंदिर है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां मरा हुआ व्यक्ति जिंदा हो जाता है। चलिए आपको थोड़ा़ और जानकारी देते हैं।
यहां है भगवान भोले शंकर का अनोखा मंदिर
भगवान भोले शंकर का यह मंदिर देहरादून से लगभग 128 किलोमीटर दूर पर स्थित लाखामंडल में है। माना जाता है कि यहां जो व्यक्ति पूजा-पाठ करता है उसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही साथ भक्तों की मुरादे भी पूरी होती हैं
दुर्योधन ने बनाया था लाक्षाग्रह
मान्यता है कि महाभारत के समय में यहां पांडवों को जलाकर मारने के लिए इस लाक्षाग्रह का निर्माण किया था। अपने अज्ञातवास के दौरान युधिष्ठीर ने शिवलिंग की स्थापना की थी। मंदिर में आज भी आप उस शिवलिंग को देख सकते हैं।
शिवलिंग के सामने खड़े हैं दो द्वारपाल
यहां शिवलिंग के सामने आपको दो द्वारपाल की मूर्ती दिखाई देगी, जो पश्चिम की ओर मुंह किए हुए खड़े हुए हैं। प्राचीन मान्यताओं और स्थानीय लोगों के अनुसार माना जाता है कि यदि शव को इन दोनों द्वारपालों के सामने रख दिया जाए और पुजारी इनके ऊपर पवित्र जल छिड़़ककर दे तो मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए फिर से जीवित हो सकता है।
जीवित होने के बाद फिर चला जाता है
मृत व्यक्ति जीवित होने के बाद भगवान का नाम लेता है और पवित्र जल लेने के बाद उसकी आत्मा फिर से शरीर को छोड़कर चली जाती है। ऐसी घटनाएं यहां कई बार हो चुकी है। सचमुच में यह हैरान करने वाली बात है। आज तक इस मामले में कोई यह नहीं बता पाया कि मृत्यु व्यक्ति कैसे जिंदा हो जाता है और कुछ क्षणों बाद उसकी फिर से मौत हो जाती है।