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इस बार धनतेरस से पहले ही बन रहा दुर्लभ संयोग ! 04 और 05 नवम्बर को पुष्य नक्षत्र में करें खरीदारी, पूरे वर्ष घर में रहेंगी मां लक्ष्मी

इस बार धनतेरस से पहले ही बन रहा दुर्लभ संयोग ! 04 और 05 नवम्बर को पुष्य नक्षत्र में करें खरीदारी, पूरे वर्ष घर में रहेंगी मां लक्ष्मी

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Dharma-Karma, Spirituality, Astrology, Dharm- adhyatm, dharm adhyatm, religious, durlabh Sanjog, pushya nakshatra mein Karen kharidari : दीपावाली की सर्वत्र धूम है। बाजार में भी रौनक बढ़ गयी है। दुकानदार जहां धनतेरस को लेकर तैयारी में जुट गये हैं, वहीं आमलोग भी खरीदारी के लिए धनतेरस का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, इस वर्ष धनतेरस के पहले एक ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो खरीदारी के लिए धनतेरस से भी उत्तम दिन माना जा रहा है। इस वर्ष धनतेरस 10 नवम्बर को है, लेकिन उससे पहले 04 और 05 नवम्बर को पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन पुष्य नक्षत्र के साथ कई अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। पुष्य नक्षत्र योग को सोना-चांदी, जमीन, भवन और प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बेहद शुभ माना गया है।

इस दिन करें खरीदारी

ज्योतिषीय गणना के अनुसार 04 नवम्बर को बुधादित्य योग, पराक्रमी योग और साध्य योग का खास संयोग बन रहा है। जबकि, उसके अगले दिन यानी 05 नवम्बर को सर्वार्थ सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है। ऐसे में इस शुभ संयोग पर मां महालक्ष्मी के साथ-साथ अपने ईष्ट देव या भगवती की पूजा करने से घर में बरकत होती है। इस दिन रवि पुष्प योग होने से सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। ऐसे शुभ संयोग में सोना-चांदी, आभूषण, भूमि-भवन, पूंजी निवेश, व्यापर आरम्भ, कीमती धातुओं, वाहन, कपड़ा, बर्तन आदि की खरीदारी करना शुभ रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को शुभ और कल्याणकारी के साथ पोषण, ऊर्जा और शक्ति प्रदायक नक्षत्र माना गया है।

क्यों खास है यह महीना?

सनातन धर्म को माननेवाले लोगों के लिए कार्तिक का महीना बेहद खास और पवित्र होता है। इस माह में धनतेरस, दीपावली और लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। इस महीने को श्रीहरि विष्णु का प्रिय और दिव्य मास भी माना जाता है। कार्तिक के महीने को लेकर यह मान्यता है कि इस माह में निष्ठापूर्वक स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। ज्ञातव्य है कि इस साल 10 नवम्बर को धनतेरस, 12 नवम्बर को दीपावली, 17 नवम्बर को छठ का नहाय-खाय, 18 नवम्बर को खरना, 19 नवम्बर को संध्याकालीन प्रथम अर्घ्य और 20 नवम्बर को प्रातःकालीन द्वितीय अर्घ्य दिया जायेगा।

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