Religion Spirituality and Astrology : कहते हैं न कि किस्मत के खेल निराले होते हैं। किसी पर माँ लक्ष्मी की असीम कृपा तो कोई तंगहाल रहता है। धन, उत्तम स्वास्थ्य और निरोगी काया जिसे मिल गया हो वह सबसे सुखी और भाग्यशाली।
धनवान होने के लिए भाग्य का साथ बहुत जरूरी होता है। शास्त्र भी कहता है कि माँ सरस्वती और लक्ष्मी का आशीर्वाद एक साथ किसी को मिल जाए तो वह व्यक्ति अपने को काफी सौभाग्यशाली समझता है। क्योंकि धन के साथ उसके पास बुद्धि और विवेक भी होता है। तब उसकी समृद्धि के साथ उसका नाम और यश सब फैलता है। कुंडली में धन प्राप्ति के इस अद्भुत योग को कुछ इस प्रकार समझते हैं ।
कुंडली में धन का स्थान दूसरा और ग्यारहवां
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में धन का स्थान दूसरा एवं ग्यारहवाँ घर माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में इन दोनों मे से किसी घर के अन्दर मंगल और सूर्य एक साथ विराजमान हों तो वह एक सफल व्यवसायी होता है। इस योग वाले व्यक्ति के जीवन में धन संपदा काफी रहता है।
गज केसरी और लक्ष्मी नारायण योग के जातक होते हैं धनवान
ज्योतिष के अनुसार कुंडली के दशम स्थान में ब्रहस्पति और मंगल एक साथ बैठे हों या चन्द्रमा व मंगल एक साथ बैठे हों तब और भी अद्भुत गज केसरी और लक्ष्मी नारायण योग बनता है। इन जातकों के पास धन का आगमन बेहद सहज और आसान प्रयास से हो जाता है। इनके जीवन की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि इनकी आय अधिक और व्यय कम होता है। ऐसे जातकों के जीवन में माँ लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
सिंह लग्न और दशम घर में सूर्य- बुध होने पर बुधादित्य योग
मान्यता य़ह है कि किसी जातक का लग्न सिंह और दशम स्थान पर सूर्य और बुध हों तब यहां बुधादित्य योग बनता है। ज्योतिष के अनुसार यह योग व्यक्ति को धनवान बना देता है। जन्म कुंडली में दशम स्थान में सूर्य और बुध एक साथ होने पर भी व्यक्ति धन संपदा से ही युक्त होता है।