Ganesh Chaturthi : 31 अगस्त 2022 खोपा वन गणेश चतुर्थी की तिथि है। यह कई मायनों में बहुत खास है। अकेले चतुर्थी ही शुभ नहीं है, बल्कि 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच 7 दिन अच्छे योग भी बन रहे हैं। इन 7 दिनों में आप सिर्फ गणपति की पूजा ही नहीं, बल्कि अपने लिए कई शुभ काम जैसे नए बिजनेस की शुरुआत से लेकर घर और वाहन खरीदने तक के काम कर सकते हैं। देश के जाने-माने विद्वानों ने इन 10 दिनों के वो 7 शुभ मुहूर्त बताए हैं, जो आपके लिए खास हो सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पर 5 राजयोग:300 साल बाद दुर्लभ संयोग में होगी पूजा और स्थापना, साथ ही खरीदारी और नई शुरुआत के लिए भी शुभ दिन
एक दिन पहलेलेखक: विनय भट्ट
31 अगस्त को आ रही गणेश चतुर्थी कई मायनों में बहुत खास है। अकेले चतुर्थी ही शुभ नहीं है, बल्कि 31 अगस्त से 9 सितंबर के बीच 7 दिन अच्छे योग भी बन रहे हैं। इन सात दिनों में आप सिर्फ गणपति की पूजा ही नहीं, बल्कि अपने लिए कई शुभ काम जैसे नए बिजनेस की शुरुआत से लेकर घर और वाहन खरीदने तक के काम कर सकते हैं। देश के जाने-माने विद्वानों ने इन 10 दिनों के वो 7 शुभ मुहूर्त बताए हैं, जो आपके लिए खास हो सकते हैं।
31 अगस्त के खास होने के कारण
पहला कारण तो ये है कि इस साल वो सारे योग-संयोग बन रहे हैं, जो गणेश जी के जन्म पर बने थे। दिन बुधवार, तिथि चतुर्थी, नक्षत्र चित्रा और मध्याह्न काल यानी दोपहर का समय। ये ही वो संयोग था जब पार्वती जी ने मिट्टी के गणेश बनाए थे और शिव जी ने उसमें प्राण डाले थे। इसके अलावा भी कुछ दुर्लभ और शुभ योग बन रहे हैं जो 31 अगस्त से 9 सितंबर तक गणेश उत्सव के दौरान रहेंगे।
निवेश और खरीदारी के लिए उत्तम
इस गणेश उत्सव में एक खास बात ये भी है कि इन 10 दिनों में रोज कोई शुभ योग बन रहा है, जिसमें आप इन्वेस्टमेंट से लेकर व्हीकल खरीदी तक कई शुभ काम कर सकेंगे। साथ ही, एक ऐसा दुर्लभ योग भी बन रहा है जो पिछले 300 सालों में नहीं बना।
आज दिनभर 5 पवित्र मुहूर्त
गणेशजी की स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में कुल 5 शुभ मुहूर्त रहेंगे। सुबह 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक का समय सबसे अच्छा रहेगा, क्योंकि इस वक्त मध्याह्न काल रहेगा, जिसमें गणेश जी का जन्म हुआ था। तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव और पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र कहते हैं कि वैसे तो दोपहर में ही गणेश जी की स्थापना और पूजा करनी चाहिए। समय नहीं मिल पाए तो किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में भी गणपति स्थापना की जा सकती है। वैसे भी इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही और लंबोदर योग भी है।
इन बातों पर रखें ध्यान
1. गणेश जी की मूर्ति पर तुलसी और शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
2. दूर्वा और मोदक के बिना पूजा अधूरी रहती है।
3. गणपति के पसंदीदा फूल: जाती, मल्लिका, कनेर, कमल, चम्पा, मौलश्री (बकुल), गेंदा, गुलाब
4. गणपति के पसंदीदा पत्ते: शमी, दूर्वा, धतूरा, कनेर, केला, बेर, मदार और बिल्व पत्र
5. पूजा में नीले और काले रंग के कपड़े न पहनें।
6. चमड़े की चीजें बाहर रखकर पूजा करें और भगवान को अकेले कभी न छोड़ें।
7. स्थापना के बाद मूर्ति को इधर-उधर न रखें, यानी हिलाएं नहीं।