Home
National
International
Jharkhand/Bihar
Health
Career
Entertainment
Sports Samrat
Business
Special
Bright Side
Lifestyle
Literature
Spirituality

आज है गायत्री जन्मोत्सव, गायत्री मंत्र के जाप से जल्द मिलते हैं सकारात्मक फल

आज है गायत्री जन्मोत्सव, गायत्री मंत्र के जाप से जल्द मिलते हैं सकारात्मक फल

Share this:

9 जून यानी गुरुवार को गायत्री जन्मोत्सव है। इस पर्व की तारीख के संबंध में पंचांग भेद भी हैं। देवी गायत्री के मंत्र का जप करने से बहुत जल्दी सकारात्मक फल मिल सकते हैं। मंत्र जप ऐसी साधना है, जिससे किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता बताते हैं कि गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना जाता है। इस मंत्र के जप के लिए तीन समय बताए गए हैं। इनको संध्याकाल कहा जाता है।

कब करें गायत्री मंत्र का जाप

सुबह सूर्योदय से कुछ देर पहले मंत्र जप शुरू किया जाता है और सूर्योदय के बाद तक किया जाता है। दूसरा समय है दोपहर का। तीसरा समय है शाम को सूर्यास्त के कुछ देर पहले से सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक। संध्याकाल के अलावा गायत्री मंत्र का जप करना हो तो मौन रहकर जप करना चाहिए।

गायत्री मंत्र – ‘ऊँ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।’

ये है मंत्र का अर्थ

सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परमात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, यह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर प्रेरित करें।

मंत्र जप के लाभ

इस मंत्र का जप करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए। इस मंत्र का जप करने वाले भक्त को दस लाभ प्राप्त होने लगते हैं – उत्साह और सकारात्मकता, त्वचा में कांति, तामसिकता से घृणा, परमार्थ में रूचि, पूर्वाभास, आर्शाीवाद देने की शक्ति, नेत्रों में तेज, स्वप्र सिद्धि, क्रोध पर नियंत्रण, ज्ञान में वृद्धि होना।

रोज करना चाहिए मंत्र का 108 बार जप

गायत्री मंत्र का जप सभी के लिए उपयोगी है। जो लोग याददाश्त बढ़ाना चाहते हैं, खासतौर पर विद्यार्थी, उन्हें इस मंत्र का जप 108 बार करना चाहिए। अगर बच्चों का पढ़ने में मन नहीं लगता है, पढ़ा हुआ याद नहीं रहता, जल्दी याद नहीं होता है तो इस मंत्र का जप करने से लाभ मिल सकता है। सूर्य को जल चढ़ाते समय भी इस मंत्र का जप किया जा सकता है।

Share this: