Useful Mantras That Will Change Your Life : उपयोगी मंत्र बदल देंगे आपकी जिंदगी। इन्हें जरूर आजमाएं। तरीके से इन मंत्रों से ही दिन की शुरुआत करनी चाहिए। हम मंत्रों से प्रकृति की शक्तियों को नमन करते हैं। उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उनसे अपने कल्याण की कामना करते हैं। वेदों में भी यही शिक्षा दी गई है। इसका निरंतर अभ्यास व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से ऊंचा उठाता है। साथ ही आवश्यकताओं की पू्र्ण करने में भी निर्णायक साबित होता है। कुछ दिन इन मंत्रों का प्रयोग करें। देखेंगे कि आपके जीवन में चमत्कारिक अंतर आएगा। आप खुद में अधिक ऊर्जा का अनुभव करेंगे। आपकी बाधाएं खत्म होने लगेंगी। आपके काम खुद होने लगेंगे।
प्रात: कर दर्शनम से करें दिन की शुरुआत
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्॥
पृथ्वी क्षमा प्रार्थना
समुद्र वसने देवी पर्वत स्तन मंडिते। विष्णु पत्नी नमस्तुभ्यं पाद स्पर्शं क्षमश्वमेव॥
त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनिराहुकेतव: कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
स्नान मंत्र
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
सूर्य नमस्कार
ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने। दीर्घमायुर्बलं वीर्यं व्याधि शोक विनाशनम् सूर्य पादोदकं तीर्थ जठरे धारयाम्यहम्॥ ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ सूर्याय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ खगाय नम:, ॐ पूष्णे नम:, ॐ हिरण्यगर्भाय नम:, ॐ मरीचये नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ सवित्रे नम:, ॐ अर्काय नम:, ॐ भास्कराय नम:, ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम:। आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर। दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते॥
गायत्री मंत्र
ऊं भूर्भुव: स्व: ततसवितुरवरेर्णयं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात्।
दीप दर्शन
गायत्री मंत्र तक तो रूटीन है। वे अनिवार्य हैं। अन्य उपयोगी मंत्र बदल देंगे जिंदगी। उन्हें नीचे दे रहा हूं। इनमें सबसे पहले पूजा के दौरान दीप दर्शन होता है। मंत्र नीचे है।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते॥
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते॥
गणपति स्तोत्र
गणपति: विघ्नराजो लम्बतुन्ड़ो गजानन:। द्वै मातुरश्च हेरम्ब एकदंतो गणाधिप:॥ विनायक: चारूकणर्: पशुपालो भवात्मज:। द्वादश एतानि नामानि प्रात: उत्थाय य: पठेत्॥ विश्वम तस्य भवेद् वश्यम् न च विघ्नम् भवेत् क्वचित्। विघ्नेश्वराय वरदाय शुभप्रियाय। लम्बोदराय विकटाय गजाननाय॥ नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय। गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥ शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुर्भुजं। प्रसन्नवदनं ध्यायेतसर्वविघ्नोपशान्तये॥
आदि शक्ति वंदना
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥
शिव स्तुति
कर्पूर गौरम करुणावतारं, संसार सारं भुजगेंद्र हारं।
सदा वसंतं हृदयार विंदे, भवं भवानी सहितं नमामि॥
विष्णु स्तुति
शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
विष्णु स्तुति तक दिनचर्या मान लें। इसके बाद यथासाध्य निम्न मंत्रों का जप करें। इनमें श्रीकृष्ण, राम, रामायण आदि में किसी एक को भी ले सकते हैं। स्वस्ति-वाचन व शांति पाठ जरूरी है। इन्हें अनिवार्य समझें। यो उपयोगी मंत्र बदल देंगे जिंदगी। इन्हें भी दिनचर्या में शामिल कर लें।
श्री कृष्ण स्तुति
कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम। नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥
सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि। गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्। यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्॥
श्रीराम वंदना
लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्। कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये॥
श्रीरामाष्टक
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा। गोविन्दा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा॥
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते। बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्॥
एक श्लोकी रामायण
आदौ रामतपोवनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्। वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीवसम्भाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्। पश्चाद्रावण कुम्भकर्णहननं एतद्घि श्री रामायणम्॥
सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता। या वींणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपदमासना॥ या ब्रह्माच्युतशङ्करप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता। सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्याऽपहा॥
सरस्वती महामायी विद्या कमल लोचनी विश्वरूपी विशालाक्षी विद्यामदेहि परमेश्वरी।
हनुमान वंदना
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्। दनुजवनकृषानुम् ज्ञानिनांग्रगणयम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्।
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥ मनोजवं मारुततुल्यवेगम जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणम् प्रपद्ये॥
स्वस्ति-वाचन
ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवा: स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा:। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमि: स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु॥
शांति पाठ
ऊँ पूर्णमद: पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥ ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष (गुँ) शान्ति:, पृथिवी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:। वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्व (गुँ) शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
ये उपयोगी मंत्र बदल देंगे आपकी जिंदगी। अतः इन्हें दिनचर्या में शामिल कर लें। बहुत सारी समस्याएं खुद दूर हो जाएंगी। जीवन सहज और सुंदर हो जाएगा।