Ranchi news : अनन्त चतुर्दशी और विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को मनाया जायेगा। इस वर्ष भगवान विश्वकर्मा पूजा रवि योग में 17 सितम्बर को है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा को कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र से सुशोभित किया जायेगा और पूजा-अर्चना की जायेगी। लोग अपने आॅफिस, कारखानों, मशीनों, औजारों और वाहनों की भी पूजा करेंगे। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, व्यापार में उन्नति आदि का शुभ फल प्राप्त होगा।
रवि योग का निर्माण हो रहा
पंडित मनोज पांडेय ने सोमवार को बताया कि इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है और इस योग में पूजा करने से सभी कार्यों में तरक्की मिलेगी। भगवान विष्णु और शिल्पकार विश्वकर्मा के एक साथ आने का संयोग बहुत ही दुर्लभ होगा। साथ ही, अनन्त चतुर्दशी होने से इस दिन का महत्त्व कई गुणा अधिक हो जायेगा। भगवान विश्वकर्मा देव लोक के वास्तुकार और शिल्पकार हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने भगवान शिव का त्रिशूल और विष्णु जी का सुदर्शन चक्र बनाया था। इसलिए इस दिन शस्त्रों की पूजा-अर्चना की जाती है।
अनन्त चतुर्दशी पर भगवान नारायण के अनन्त रूप की पूजा की जाती है
वहीं, दूसरी ओर अनन्त चतुर्थी का व्रत भी 17 सितम्बर को ही मनाया जायेगा। यह व्रत भगवान विष्णु के अनन्त स्वरूपों को समर्पित है। हर साल यह व्रत भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। अनन्त चतुर्दशी पर भगवान नारायण के अनन्त रूप की पूजा की जाती है, जिनका न आदि है, न ही अंत है ; अर्थात वह स्वयं श्री हरि भगवान विष्णु हैं, इसलिए इस चतुर्दशी को अनन्त चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। पंडित मनोज पांडेय ने कहा कि इस व्रत को करने मात्र से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। साथ ही, जीवन की सभी समस्याओं का अंत होता है। इस व्रत का संकल्प लेकर अनन्त सूत्र बांधा जाता है। इस सूत्र को धारण करने से सभी संकटों का नाश होता है।