how to get profit in business : आज हम आपको कुछ ऐसे सूत्र बतायंगे जिनपर अमल करके न सिर्फ आप अपने कारोबार को सही पटरी पर ला सकते हैं बल्कि इन्हें अपनाकर सफलता भी प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर हम निम्नलिखित उपायों को जातक की राशि के अनुसार बता रहे हैं। अगर आपके व्यवसाय में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न हो रही है या मन मुताबिक परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं तो इन उपायों को अपनाकर व्यवसाय में लाभ प्राप्ति कर सकते हैं ।
मेष
(यदि आपका जन्म 21 मार्च से 20 अप्रैल के बीच हुआ या राशि के या बोलने वाले नाम का पहला अक्षर-चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ हो तो) मेष राशि के स्वामी श्री मंगल देव हैं। आप अपने कार्यालय में प्रयास करें कि पीने का जल मिट्टी अथवा तांबे के पात्र में ही रखें। घर से कार्यस्थल के लिए निकलते समय पानी पी कर ही निकलें। साल में एक बार अपने कार्यालय में सुंदरकांड का पाठ अवश्य करवाएं तथा हनुमान जी की तस्वीर अवश्य रखें। कार्य से जुड़े सभी महत्वपूर्ण निर्णय सोमवार, मंगलवार, गुरुवार को ही लें। हो सके तो कार्यस्थल पर लाल रंग का प्रयोग करें जो आपके लिए अति शुभ है।
वृष
(यदि आपका जन्म 21 अप्रैल से 20 मई के बीच हुआ या राशि के या बोलने वाले नाम पहला अक्षर- ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो हो तो) जातक अपने कार्यालय की सजावट में चमकीले रंगों तथा हल्के रंगों का प्रयोग करें। जातक को शुक्रवार को सफेद पुष्पों से अपने आराध्य देव की पूजा करनी चाहिए। पूजा स्थल में मां लक्ष्मी के साथ अभिमंत्रित स्फटिक श्री यंत्र को भी रखें। कार्यालय में पूर्व अथवा उत्तर दिशा में मछलीघर रखें। कर्मचारियों के स्थान पर उत्तर दिशा में एक शीशा लगाएं। माह में कम से कम पाँच बार श्री सूक्त अथवा श्री लक्ष्मी स्तोत्र या ललिता सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ अवश्य करवाएं। कार्यालय अथवा निवास के निकट जो भी मंदिर हो उसमें अगरबत्ती का दान करते रहें ।
मिथुन
(यदि आपका जन्म 21 मई से 21 जून के बीच हुआ या राशि के या बोलने वाले नाम पहला अक्षर- का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हां हो तो) मिथुन राशि के स्वामी बुद्ध होते हैं। यह राशि व्यवसाय से प्रत्यक्ष संबंध रखती है। व्यवसाय स्थल में कभी भी चौड़े पत्ते वाले पौधे नहीं रखें। किन्नरों को नगद धन अवश्य दें । जातक को अपने कार्यालय में हरे-भरे पौधे एवं पुष्प अवश्य रखने चाहिए। कार्यालय के सामने की दीवार पर एक बड़ी घड़ी अवश्य लगाएं। किसी कारण से घड़ी बंद हो जाए तो उसे तुरंत चालू कर दें। कार्यस्थल के पूजा घर में श्री गणेश जी एवं मां दुर्गा की तस्वीर लगानी चाहिए। श्री गणेश अथर्वशीर्ष एवं श्री दुर्गा चालीसा के साथ श्री सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें साथ ही भोग में मोदक एवं ऋतु फल अर्पित करें ।
कर्क
(यदि आपका जन्म 22 जून से 22 जुलाई के बीच हुआ या राशि के या बोलने वाले नाम पहला अक्षर- ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो हो तो) राशि के स्वामी चंद्र देव है। अपने कोमल स्वभाव के कारण इन्हें व्यवसाय में कई बार हानि उठानी पड़ती है। इसलिए सम्बन्धो को कार्य से अलग करके रखना चाहिए। अपने व्यवसाय स्थल के ईशान कोण में पूजा स्थल बनाना चाहिए जहाँ पर भगवान शंकर की परिवार सहित तस्वीर लगाएं। यदि आप किसी कारण से ईशान कोण में पूजा घर बनाने में असमर्थ है तो ऐसी स्थिति में वहां पर मिट्टी की मटकी में जल भरकर रखें तथा उस जल में एक मोती एवं एक चांदी का सिक्का डाल दें। माह में कम से कम एक बार अपने कारोबार के नाम पर विधि-विधान से भगवान शंकर का अभिषेक करवाएं। कार्यस्थल पर हल्के चमकीले रंगों का प्रयोग करें ।
सिंह
(यदि आपका जन्म 23 जुलाई से 22 अगस्त के बीच हुआ या राशि के या बोलने वाले नाम पहला अक्षर-मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे हो तो) सिंह राशि के जातक तेज स्वभाव के होते हैं और अपने लाभ के लिए संबंधों को अलग कर देते हैं। इनके स्वामी सूर्य देव होते हैं। इनको सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए। बैठक इस प्रकार से रखनी चाहिए कि वह स्वयं तो बाहर से आने वाले को देख सकें परंतु बाहर से आने वाला कोई व्यक्ति उनको नहीं देख सके। कार्यालय में अधिकाधिक स्टील का उपयोग करना चाहिए। कोई भी गंभीर निर्णय सोमवार, मंगलवार, गुरुवार को लें। पूजा घर में विष्णु एवं लक्ष्मी को स्थान अवश्य दें। अपने कार्यालय में प्रवेश के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करें। 3 अथवा 6 माह में एक बार व्यवसाय स्थल पर श्री हरिवंश पुराण का पाठ अवश्य करवाना चाहिए।