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HEART TOUCHING : ऐसी नहीं हो सकती मां, अपने ही कलेजे के टुकड़े को आखिर जंगल में

HEART TOUCHING : ऐसी नहीं हो सकती मां, अपने ही कलेजे के टुकड़े को आखिर जंगल में …

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Heart touching: Mother, this cannot be like this, after all a piece of your own heart is being left in the forest, Breaking news, Ranchi news, Ranchi top news, Jharkhand top news, Jharkhand news, Ranchi update, Jharkhand update : मां तो ममता के लिए जानी जाती है।वह अपने कलेजे के टुकड़े को कलेजे से लगाए रखती है, चाहे इसके लिए जिंदगी में कितने ही दुखों का सामना क्यों न करना पड़े, फिर भी यदि कोई मां पत्थर दिल बन जाए तो दिल को छूता है। ह्रदय दुखों से भर उठता है। ऐसा ही एक मामला झारखंड के गुमला जिले के पालकोट प्रखंड से आया है। यहां एक मां ने बच्चे को जन्म देने के बाद उसे जंगल में फेंक दिया, ताकि जंगली जानवर बच्चे को खा जाएं, मगर ऐसा नहीं हुआ। भगवान जिसे बचाना चाहे, उसे कौन मार सकता है। जंगल में पड़े हुए मासूम पर एक पत्ता चुनने वाली महिला की नजर पड़ी और उसका ह्रदय ममता से भर गया। बच्चे को उसने अपने सीने से लगा लिया। जंगल में बच्चे को रोता देख गिरजा टंगराटोली निवासी सहोदरी कुमारी ने बच्चे की जान बचा ली। 

महान है सहोदरी जैसी महिला

सहोद्री बच्चे के माता-पिता को जंगल में पुकारती रही। जब कोई सामने नहीं आया, तो वह बच्चे को अपने घर ले आई। बच्चे की सेहत की स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण चाइल्ड लाइन, पालकोट की मदद से बच्चे को गुमला सदर अस्पताल के SNCU में भर्ती कराया गया है। सचमुच महान है सहोदरी जैसी महिला।

मासूम का अस्पताल में चल रहा इलाज

बताया जाता है कि 17 अप्रैल को पालकोट कॉलेज रोड स्थित जंगल में गिरजा टंगराटोली निवासी सहोद्री कुमारी सुबह नौ बजे पत्ता चुनने गई थी। पत्ता चुनने के क्रम में NH- 143 के 150 मीटर दूर अचानक एक छोटे बच्चे की रोने की आवाज सुनाई पड़ी। आवाज सुनकर जब वह उक्त स्थल पहुंची, तो वहां एक नवजात को प्लास्टिक के सहारे फेंका पाया। उसे उठाकर वह अपने घर ले गई, जहां बगल के युवक रोशन कंसारी और हरिशंकर कंसारी को बच्चा पाने की खबर दी। इसके बाद दोनों युवकों द्वारा नवजात को CHC, पालकोट ले जाया गया, जहां उसकी नाभी काट कर चिकित्सकों के निर्देश पर सदर अस्पताल, गुमला ले आया। वहां उसका इलाज SNCU में डॉ. संजय कुमार भगत की देखरेख में किया जा रहा है।

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