Almond Farming, Process, Technology And Income : नया जमाना, नयी मांग, नयी तकनीक और नया बाजार। ऐसे में पारंपरिक तरीके से बहुत कुछ नहीं किया जा सकता है। कुछ रेयर (Rare) यानी दुर्लभ काम करने पर मोटी और लंबे समय तक कमाई संभव है। याद रखिए, कुदरत में भी जो रेयर है, आपके लिए वह बहुत महंगा है। आप हीरे का उदाहरण देख सकते हैं। वैसे ही अगर आप रेयर काम करेंगे तो आपके काम की कीमत बाजार में अधिक होगी। इस दृष्टि से देखें तो कृषि के क्षेत्र में अगर हम बादाम की खेती करते हैं तो हमारी कमाई का आधार लंबे समय तक बनेगा। अतः बादाम की खेती को इस नजरिए से देखा जा सकता है। इसमें आपको केवल एक बार निवेश करना है। एक बार पौधे लगाने हैं। इसके बाद आप पचास साल तक मोटी कमाई कर सकते हैं। अब देखते हैं बादाम की खेती के लिए जरूरी जलवायु और मिट्टी तथा इसकी किस्में।
जलवायु और मिट्टी
पहले बादाल की खेती जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे इलाकों में ही की जाती थी, लेकिन आजकल नई तकनीकों के जरिये गर्म इलाकों में भी इसकी खेती की जा रही है। इस खेती के लिए 7 डिग्री से 25 डिग्री तक की जलवायु रहनी चाहिए। मिट्टी की बात करें तो गहरी उपजाऊ, बलुई, चिकनी और दोमट मिट्टी आवश्यक होती है।
बादाम की किस्में
वैसे तो बादाम की कई किस्में हैं. लेकिन कुछ व्यवसायिक किस्में के नाम हम आपको बता रहे हैं। नॉन-पैरिल, कैलिफ़ोर्निया पेपर शेल,मर्सिड, आईएक्सएल, शालीमार,मखदूम,वारिस, प्रणयज, प्लस अल्ट्रा, प्रिमोर्स्कीज,पीयरलेस,
कार्मेल, थॉम्पसन, प्राइस, बट्टे,
मोंटेरे, रूबी, फ्रिट्ज, सोनोरा, और पाद्रे।
इस तरह तैयार करें खेत
किसी भी फसल को लगाने से पहले खेतों को अच्छे से तैयार किया जाता है। इसके लिए आप दो से तीन बार जुताई करें। इससे पुरानी फसलों के अवशेष और खरपतवार निकल जाएंगे। इसके बाद एक दो बार तिरछी जुताई करें। मिट्टी को भुरभुरी बनाकर पाटा लगाकर समतल करें। इसके बाद पौधों की रोपाई के लिए गड्ढे तैयार करें। ये गड्ढे 5 से 6 मीटर की दूरी पर होने चाहिए। इन गड्ढों को तैयार करने के बाद उसमें जैविक खाद डालें। अब जमीन रोपाई के लिए तैयार है।
इस तरह करना है रोपाई
आप बीज या पौधे लगाकर खेती कर सकते हैं। चाहें तो किसी सरकारी नर्सरी से पौधे खरीदकर भी रोपाई की जा सकती है। पौधे तैयार करने के लिए खेतों में क्यारियां बनाकर बीज लगाना होता है। पौधा स्वस्थ जड़ और पत्ती रहित होना चाहिए। रोपाई के लिए नवंबर से दिसंबर का महीना सही माना जाता है।
पौधे की रोपाई के बाद क्या करें
रोपाई के बाद आपको पहली सिंचाई करनी होती है। खेतों में कभी भी जलभराव की स्थिति नहीं बनने देना है। साथ ही इस बात का ध्यान रखना है कि गर्मी के मौसम में 10 दिन के अंतराल और सर्दियों के मौसम में 20 से 25 दिन के अंतराल में सिंचाई की जाए।
पौधा बड़ा होने लगे तो क्या करें
बादाम का पौधा जब बड़ा होने लगे तब उसे सहारा दिया जाना चाहिए। आप इसके लिए बांस का सहारा ले सकते हैं। अधिक लाभ के लिए बादाम के साथ ही अन्य खेती भी की जा सकती है। लेकिन, अच्छी फसल से लिए मधुमक्खी पालन बेहतर रहता है। इससे पौधे में मारगन बढेगा और उनका विकास अच्छा होगा। इसके साथ ही आप कई प्रकार की सब्जियां भी उगा सकते हैं।
कुछ सालों तक करना होगा इंतजार
पौधारोपण करने के बाद आपको कुछ सालों का इंतजार करना पड़ सकता है। इसीलिए इसके साथ दूसरी फसल लगाकर कमाई की जा सकती है। पेड़ 3 से 4 साल में फल देने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन अच्छी कमाई 5 से 6 साल बाद ही होती है। एक पेड़ से आप हर साल 2 से 3 किलो बादाम प्राप्त कर सकते हैं। एक किलो बादाम बाजार में 500 से 1000 रुपये किलो बिकती है। यानी आपको केवल एक बार खर्चा करना है और हर साल केवल रखरखाव पर खर्चा करना है और मुनाफ़ा कमाना है। आप केवल एक एकड़ जमीन में बादाम के पेड़ लगाकर हर साल लाखों कमा सकते हैं।