बिहार की नीतीश सरकार शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को स्वच्छ और ताजी सब्जियां उपलब्ध कराएंगी। इसके लिए नए बजट में बड़े पैमाने पर शहरों में सब्जी बिक्री केंद्र खोलने की स्थापना की गई है। इसी तरह आने वाले समय में राज्य के सभी 8463 पैक्सों को कंप्यूटरीकृत करने की घोषणा की गई है। इस काम में नाबार्ड से भी वित्तीय मदद ली जाएगी। सोमवार को सरकार द्वारा पेश बजट में नाबार्ड और राज्य सरकार के 50:50 की सहभागिता के आधार पर अनुदान सहायता के माध्यम से पैक्सों को कंप्यूटरीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका मकसद पैक्सों के कार्यों में पारदर्शिता लाना भी है।
सहकारिता विभाग के लिए 1286.31 करोड़
बिहार के नए बजट में सहकारिता विभाग के लिए कुल 1286.31 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। इसमें योजना मद में 1074.90 करोड़ रुपये हैं। हालांकि चालू वित्तीय वर्ष में इस विभाग का बजट 1534 करोड़ 9 लाख का है। इसमें स्कीम मद में 962 करोड़ 20 लाख रुपये शामिल है। इस प्रकार नए बजट में 247 करोड़ 89 लाख रुपये की कटौती की गई है। इसी तरह खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के लिए नए बजट में 1184.95 करोड़ रुपये का प्रविधान है। चालू वित्त वर्ष में इस विभाग का बजट 1259.57 करोड़ रुपये का है। इसमें स्कीम मद में 1126 करोड़ रुपये हैं। इस तरह देखें तो नए बजट मेंं 74.62 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई है।
नए क्लस्टर और औद्योगिक स्किल बढ़ाने पर जोर
नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए उद्योग विभाग का बजट बढ़ाया गया है। स्कीम मद की राशि बढ़ी है। बजट का स्वरूप यह है कि उद्योग की गति बढ़ाने के साथ-साथ औद्योगिक स्किल को बढ़ाने पर फोकस है। उद्योगों से संबंधित नए क्लस्टर व कई तरह के औद्योगिक पार्क को विकसित करने की बात है। पटना के बिहटा मे सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी द्वारा दस एकड़ में इंस्टीट्यूट आफ पेट्रोकेमिकल टेक्नोलाजी (आईपीटी) की स्थापना की जाएगी। यहां इससे संबंधित बीटेक व एमटेक कोर्स की पढ़ाई होगी।
ऐसे अस्तित्व में आएंगे नए क्लस्टर
नए क्लस्टर और पार्क का भी जिक्र उद्योग विभाग के बजट में है। बेगूसराय में इलेक्ट्रोनिक्स क्लस्टर, मेडिकल डिवाइस पार्क, बेतिया के कुमारबाग में ट्वाय क्लस्टर, मोतीपुर में मेगाफूड पार्क, फार्मा एंड सर्जिकल पार्क, औद्योगिक क्षेत्र गोरौल में प्लास्टिक पार्क, बेतिया के कुमारबाग में ही टेक्सटाइल व एपेरल पार्क की स्थापना की जानी है। इस पर अनुमानित व्यय 150.00 करोड़ रुपये है।