Dangerous video games : मोबाइल पर वीडियो गेम्स की लत हमारी युवा पीढ़ी को उस तरफ खींच रही है, जहां से लौटना नामुमकिन दिख रहा है। अगर उन्हें सच्चाई का भान करा कर इस रास्ते से नहीं हटाया गया तो भविष्य चिंताजनक है। कुछ दिन पहले ही लखनऊ में एक बेटे ने अपनी मां को सिर्फ इसलिए गोली मार दी थी कि उसने वीडियो गेम खेलने से बेटे को मना किया था। अब पटना से एक और दर्दनाक खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां एक बेटे ने सिर्फ इसलिए फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसके पिता ने पबजी गेम खेलने से मना किया था। यह मामला पटना जिले के अथमलगोला का है।
अप्राकृतिक मृत्यु का केस दर्ज
बताया जा रहा है कि अथमलगोला थाना इलाके के बहादुरपुर गांव में रहने वाले राजा कुमार को पबजी की लत थी। पिता रमाकांत ने कई बार अपने बेटे को पबजी खेलने से मना किया। इससे नाराज होकर बेटे ने फांसी का फंदा लगाकर 12 जून को आत्महत्या कर ली। इस संबंध में थाने में अप्राकृतिक मृत्यु का केस दर्ज कराया गया है।
एक नशा से कम नहीं वीडियो गेम
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि पबजी गेम एक नशा बनता जा रहा है। इसकी लत से बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य कमजोर होता जा रहा है। इससे उनकी सोचने-समझने की क्षमता पर असर पड़ रहा है। इस गेम से उनका शारीरिक विकास भी रुक रहा है।
जब हमें खुश होने का मिलता है मौका
जब हमारे देश के युवा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन, स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन, इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन, Law
आदि में बढ़िया करते हैं,तो हमें खुश होने का मौका मिलता है। इससे हम अपने देश के भविष्य का आकलन कर सकते हैं, पर यह नहीं भूलना चाहिए कि ऐसे युवाओं की संख्या देश के कुल युवाओं की संख्या की तुलना में बहुत कम होती है। जब बच्चे या युवा कोई गलत कदम उठाते हैं तो हमारे लिए बहुत चिंता की बात हो जाती है। ऐसे युवाओं को सही रास्ते पर लाकर और उनकी सफलता का रास्ता खोल कर हमें एक और खुशी का मौका तलाशना होगा।