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भारत ने विकसित किया दुनिया का सबसे खतरनाक विस्फोटक, चंद सेकंड में तबाही

भारत ने विकसित किया दुनिया का सबसे खतरनाक विस्फोटक, चंद सेकंड में तबाही

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New Delhi news: दिल्ली : भारत ने दुनिया के सबसे ताकतवर और खतरनाक तीन विस्फोटक विकसित किये हैं, जो चंद सेकंड में दुश्मन के खेमे में तबाही मचा कर सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। ताकतवर गैर-परमाणु विस्फोटकों में से एक इस विस्फोटक को सेबेक्स-2 नाम दिया गया है। भारत रक्षा क्षेत्र में लगातार नयी उपलब्धियां हासिल करके रक्षा उत्पादन में पड़ोसी देशों को पीछे छोड़ता जा रहा है। इस विस्फोटक के विकसित होने के बाद भारत की विस्फोटक क्षमता में क्रांति आने की उम्मीद है।

‘मेक इन इंडिया’ के तहत तीन नये विस्फोटक फॉमूर्लेशन विकसित किये

नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज की सहायक कम्पनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत तीन नये विस्फोटक फॉमूर्लेशन विकसित किये हैं। सोलर इंडस्ट्रीज के अधिकारी का कहना है कि यह तीन नये विस्फोटक फॉमूर्लेशन सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं, क्योंकि इनमें फायरपावर और विस्फोटक प्रभाव में बहुत वृद्धि हुई है। सेबेक्स-2 एक नया विस्फोटक फॉमूर्लेशन है, जो वर्तमान में उपलब्ध किसी भी ठोस विस्फोटक की तुलना में बहुत अधिक शक्तिशाली विस्फोट प्रभाव प्रदान करता है। किसी भी विस्फोटक का प्रदर्शन ट्राई नाइट्रोटॉल्विन (टीएनटी) समतुल्यता के संदर्भ में मापा जाता है। नया विस्फोटक टीएनटी से दोगुना ज्यादा घातक है।

इस नये विस्फोटक से तबाही मचानेवाले हथियारों की क्षमता कई गुना बढ़ जायेगी

उच्च टीएनटी समतुल्यता वाले विस्फोटकों में अधिक मारक क्षमता और विनाशकारी शक्ति होती है। पारम्परिक विस्फोटक जैसे डेनटेक्स और टारपेक्स का इस्तेमाल पारंपरिक वारहेड, हवाई बम और दुनिया भर में कई अन्य गोला-बारूद बनाने में किया जाता है। इस नये विस्फोटक से तबाही मचानेवाले हथियारों की क्षमता कई गुना बढ़ जायेगी, जिससे चंद सेकंड में दुश्मन के खेमे में तबाही मच सकती है। नये विस्फोटक का परीक्षण भारतीय नौसेना के डिफेंस एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीम के तहत किया जा चुका है। कंपनी का दावा है कि आनेवाले समय इस विस्फोटक को दुनियाभर की सेनाएं इस्तेमाल करने के लिए आगे आयेंगी।

विस्फोट में निकलने वाली ऊर्जा लगभग 4000 जूल (0.9560229 किलो कैलोरी) के बराबर होती

कम्पनी की ओर से बताया गया है कि एक ग्राम टीएनटी के विस्फोट में निकलने वाली ऊर्जा लगभग 4000 जूल (0.9560229 किलो कैलोरी) के बराबर होती है। इस उच्च प्रदर्शनवाले विस्फोटक का उद्देश्य वजन बढ़ाये बिना विनाशकारी शक्ति को बढ़ाकर बम, तोपखाने के गोले और वारहेड्स में क्रांति लाना है। भारत ने अब तक का सबसे घातक विस्फोटक ब्रह्मोस मिसाइल के वारहेड में लगाया है, जिसकी टीएनटी 1.50 समतुल्य है। फिलहाल दुनिया के अधिकतर वारहेड्स की टीएनटी तुल्यता 1.25-1.30 के बीच होती है। सेबेक्स-2 की टीएनटी तुल्यता 2.01 है, जो अब तक का सबसे घातक गैर-परंपरागत विस्फोटक माना जा रहा है। कि आनेवाले समय इस विस्फोटक को दुनियाभर की सेनाएं इस्तेमाल करने के लिए आगे आयेंगी।

मकसद विनाशकारी शक्ति को बढ़ाकर बम, तोपखाने के गोले और वारहेड्स में क्रांति लाना है

कम्पनी की ओर से बताया गया है कि एक ग्राम टीएनटी के विस्फोट में निकलने वाली ऊर्जा लगभग 4000 जूल (0.9560229 किलो कैलोरी) के बराबर होती है। इस उच्च प्रदर्शनवाले विस्फोटक का उद्देश्य वजन बढ़ाये बिना विनाशकारी शक्ति को बढ़ाकर बम, तोपखाने के गोले और वारहेड्स में क्रांति लाना है। भारत ने अब तक का सबसे घातक विस्फोटक ब्रह्मोस मिसाइल के वारहेड में लगाया है, जिसकी टीएनटी 1.50 समतुल्य है। फिलहाल दुनिया के अधिकतर वारहेड्स की टीएनटी तुल्यता 1.25-1.30 के बीच होती है। सेबेक्स-2 की टीएनटी तुल्यता 2.01 है, जो अब तक का सबसे घातक गैर-परंपरागत विस्फोटक माना जा रहा है।

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