पहली हंसी
पति (मरते समय अपनी बीवी से)- अलमारी से तेरे सोने के गहने मैंने ही चोरी किए थे।
बीवी रोते हुए- कोई बात नहीं जी।
पति- तेरे भाई ने तुझे जो एक लाख रुपये दिए थे वह भी मैंने ही गायब किए थे।
पत्नी- कोई बात नहीं मैंने आपको माफ किया।
पति- तेरे कीमती साड़ियां भी मैंने चोरी कर अपनी प्रेमिका को दे दिए थे।
पत्नी- कोई बात नहीं जी, आपको जहर भी तो मैंने ही दिया था हो गई बात बराबर।
दूसरी हंसी
पहला कैदी- तुम्हें पुलिस ने क्यों पकड़ा?
दूसरा कैदी- बैंक लूटने के बाद वहीं बैठकर पैसे गिनने लगा तो पुलिस ने पकड़ लिया।
पहला कैदी- वहीं पर पैसे गिनने की क्या जरूरत थी?
दूसरा कैदी- वहां पर लिखा था कि काउंटर छोड़ने से पहले पैसे गिन लें, बाद में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।
तीसरी हंसी
पत्नी- हम कहां जा रहे हैं?
पति- लॉन्ग ड्राइव पर……
पत्नी- जान तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया?
पति- मुझे भी अभी-अभी पता चला, जब ब्रेक फेल हो गए।
चौथी हंसी
चिंटू- किस बात से परेशान है?
मिंटू- यार घर वालों से हूं।
चिंटू- घर वालों ने क्या किया?
मिंटू जिस दिन सोचता हूं कि कुछ नया करूंगा, उसी दिन घर वाले गेहूं पिसवाने भेज देते हैं।
कल इसी तरह पुनः आपसे रूबरू होंगे हंसी के नए आयामों के साथ।
इसे फिर पढ़ें
Humour is an integral part of our life. Life without humour is like a river without flowing water. जीवन के लिए जैसे पानी और भोजन जरूरी हैं, वैसे ही विनोद अर्थात हंसी-ठिठोली भी जीवन को संतुलित बनाए रखने के लिए आवश्यक है। शरीर और सेहत पर मनोविनोद का प्रभाव मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक तरीके से भी सकारात्मक रूप में सामने आता है। Medical Science के अनुसार, हंसने से हमारे शरीर की इम्यूनिटी ठीक रहती है,जो हमें कई बीमारियों से बचाती है। मनोविज्ञान इसे हमारी आत्मिक शक्ति के प्रभाव के रूप में देखता है। सामान्य लोक रुचि के हिसाब से देखें तो जोक्स और चुटकुले हमारी जिंदगी में गर्माहट घोलते हैं और हंसाने में भी हमारी मदद करते हैं। हंसने से मन प्रसन्न रहता है और घर में खुशहाली रहती है। इसलिए हंसी को हमें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेना चाहिए। हंसने का कोई कारण नहीं दिखाई पड़े तो जबरन उसे तलाशने और तलाश कर उसके आधार पर हंसने की कोशिश करनी चाहिए। दार्शनिक अंदाज में कहा जाता है कि दूसरों पर हंसना आसान है, लेकिन खुद पर हंसना जिगर का बड़ा काम है। हमें अपने जीवन में खुद हंसने और दूसरों को हंसाने में रुचि रखनी चाहिए। तभी यह जग सुंदर धाम बन सकता है।