Global News, international news, national news, special story ,: शुरुआती कक्षाओं में ही बच्चों को सप्ताह में सात दिनों के नाम याद कराए जाते हैं। यह बात नई नहीं है, हम सब जानते हैं। यह भी पता है सप्ताह का पहला दिन सोमवार और अंतिम दिन रविवार होता है। आाखिर ऐसा क्यों? किसने यह निर्धारित किया, किसने ये नियम बनाए, किस आधार पर ऐसा हुआ… आइए जानकारी लेते हैं। कहा जाता है कि मानव सभ्यता की शुरुआत में ग्रहों, सूर्य और चंद्रमा की गतिविधियों को आधार बनाकर कई तरह के आकलन किए गए और यही सप्ताह के सात दिनों के नाम का आधार बना।
… तो बेबीलोन में हुई सबसे पहले सप्ताह में सात दिन की वकालत
ऐसा माना जाता है कि बेबीलोन जो वर्तमान में इराक हैं, यहां पर प्राचीन काल में लोग आकाशीय गणना में काफी एक्सपर्ट हुआ करते थे। यहीं पर सबसे पहले सप्ताह में सात दिनों की वकालत की गई थी। सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति की गति को ध्यान में रखा गया। यहीं से सप्ताह में सात दिन रखे गए। इतना ही नहीं, महीने की गणना करने के लिए भी चंद्रमा के चाल की गणना की गई, जिससे पता चला कि 28 दिन में चंद्रमा अपनी पिछली स्थिति को दोहराता है। इससे तय किया गया कि महीने में चार सप्ताह होंगे।
सिकंदर के आक्रमण के बाद से मिलता है भारत में सप्ताह के सात दिनों का जिक्र
भारत में सप्ताह के सात दिनों का जिक्र सिकंदर के बाद से मिलता है। सिकंदर के आक्रमण के बाद ग्रीस कल्चर का प्रसार काफी तेजी से हुआ। इसी तरह भारत में सात दिनों का सप्ताह होने लगा। रोम में सैटर्न, मून, मार्स, मर्करी, जूपिटर और वीनस के नाम पर हफ्ते का नाम रखा गया, जो आगे चलकर अंग्रेजी में मंडे, संडे, फ्राइडे और हिंदी में गुरुवार, बुधवार, शुक्रवार आदि हो गया।