UP News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से इंसानियत को तार-तार करने वाली एक घटना सामने आई है। एक अस्पताल में 12 साल के बच्चे की मौत हो जाती है और उसके बाप को लाश ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलती है। अंततः मजबूर होकर बाप अपने बेटे की लाश कंधे पर उठाकर अस्पताल से बाहर निकलता है। इसके बाद रास्ते में लोग उसका वीडियो बनाने लगते हैं। कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आता है। यह संवेदना का मरना नहीं तो और क्या है। सिस्टम का फेल्योर तो बाद की बात है। करछना तहसील के रहने वाले बजरंगी का 12 साल का बेटा शुभम करंट लगने से झुलस गया था और इलाज के दौरान स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। उसकी कोशिशों के बावजूद अस्पताल ने उसके लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई। बाहर से एंबुलेंस लेने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे।
सेना के जवानों ने दिखाई संवेदना
बजरंगी शव लेकर 15 किलोमीटर तक पैदल चल चुका था। तभी नैनी के काफी आगे सेना के कुछ जवानों ने उसे देखा, तो गाड़ी उपलब्ध कराई। वीडियो सामने आने पर कमिश्नर ने CMO काे जांच करने के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने कहा, “इसमें उच्चस्तरीय जांच कराएंगे। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शासन स्तर से जो भी पीड़ित परिवार को राहत मिल सकती है, दिलाई जाएगी।” मामले में CMO डॉ. नानक सरन ने बताया, “DM से मुझे पता चला है। यह गंभीर मामला है। पूरे मामले की जांच के लिए हमने टीमें बनाई हैं। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”