भारत ने थॉमस कप के फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर इतिहार रच दिया। देश 73 साल में पहली टूर्नामेंट जीता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जीत के बाद कि हमसे बात कर बधाई दी। गौरतलब है कि 1949 में इस टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी।
नॉकआउट चरण में लय हासिल करने के लिए जूझ रहे लक्ष्य ने सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए पहले एकल मैच में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग को 8-21 21-17 21-16 से हराकर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई।
सात्विक और चिराग ने की वापसी
सात्विक और चिराग की देश की शीर्ष पुरुष युगल जोड़ी ने इसके बाद प्रतिकूल हालात में शानदार वापसी करते हुए दूसरे गेम में चार मैच प्वाइंट बचाए और मोहम्मद अहसन और केविन संजय सुकामुल्जो की जोड़ी को 18-21 23-21 21-19 से हराकर भारत की बढ़त को 2-0 किया। दूसरे एकल में श्रीकांत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेम में 48 मिनट में 21-15 23-21 से हराकर भारत को 3-0 की विजयी बढ़त दिला दी।
इससे पहले कभी भारतीय टीम नहीं पहुंची थी फाइनल में
इससे पहले कोई भी भारतीय टीम अपने 73 वर्षों के इतिहास में थॉमस और उबेर कप के फाइनल में नहीं पहुंची थी। भारतीय पुरुष टीम 1952, 1955 और 1979 में थॉमस कप सेमीफाइनल में पहुंची थी, जबकि महिला टीम ने 2014 और 2016 में उबेर कप के शीर्ष चार में जगह बनाई थी। भारत ग्रुप सी में चीनी ताइपे के बाद नॉकआउट चरण के लिए क्वालीफाई करने के लिए दूसरे स्थान पर रहा। फिर क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में मजबूत मलेशियाई और डेनमार्क टीम के खिलाफ जीत हासिल की।