Jharkhand (झारखंड) के लिए 9 जून का दिन गर्व करने का रहा। वैसे तो झारखंड खेल के क्षेत्र में पूरे देश में अपना एक स्थान रखता है। राज्य स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई खेलों में यहां के खिलाड़ियों ने नाम किया है। आज नयी पीढ़ी की लड़कियां और लड़के भी इस क्षेत्र में उस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इसका प्रमाण है पंचकूला में हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम में इनका परफॉर्मेंस।
खेलो इंडिया गेम्स में गुमला की सुप्रीति कच्छप ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। दिन के पहले इवेंट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई कर चुकी गुमला की सुप्रीति कच्छप ने 3000 मीटर में राष्ट्रीय रिकॉर्ड (9:46:14 मिनट) बनाते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया।
3 सोना, एक चांदी और 2 कांस्य पदक
सुप्रीति ने 2017 में सीमा द्वारा मंगलागिरी में बनाए गए यूथ रिकॉर्ड (9:50:54 मिनट) को तोड़ा। गुमला की ही आशा किरण बारला ने 800 मीटर में झारखंड को स्वर्ण पदक दिलाया। गेम्स में झारखंड की नौ सदस्यीय एथलेटिक्स टीम के एथलीटों ने दो नये राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ कुल तीन स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य सहित छह पदक जीते। झारखंड टीम 37 अंकों के साथ सातवें स्थान पर रही। टीम के कोच योगेश यादव हैं। टीम को खेल निदेशक जीशान कमर, झारखंड एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष मधुकांत पाठक, कोच प्रभात रंजन तिवारी, आशु भाटिया सहित अन्य ने बधाई दी।
एक ही जिले की दोनों बेटियां
राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली सुप्रीति कच्छप और आशा किरण बारला दोनों ही गुमला की हैं। दोनों एथलीटों की कहानी मिलती जुलती है। सुप्रीति और आशा दोनों के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। सुप्रीति की मां गुमला में ही चतुर्थवर्गीय कर्मचारी है और आशा किरण बारला की मां खेतों में मजदूरी करके गुजारा चलाती है। आशा किरण बारला ने इससे पहले विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया था और फेडरेशन कप नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। सुप्रीति कच्छप ने झारखंड से बाहर जाकर भोपाल में प्रशिक्षण लिया और खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता है। साथ ही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया है।