Dhanbad latest Hindi news : भारत सरकार द्वारा इस वर्ष पद्म विभूषण, पद्म भूषण तथा पद्मश्री सम्मान के लिए 106 लोगों की सूचि जारी की गई है. इस सूचि में मणिपुरी खेल थांग-टा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए श्री के. शनाथोईबा शर्मा का नाम पद्मश्री सम्मान के लिए शामिल किया गया है जो सरासर गलत है. यह कहना है झारखण्ड थांग-टा संघ के अध्यक्ष सह मुख्य कोच रंजीत केशरी का. श्री केशरी ने इस सम्बन्ध में राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित लोगों की सूचि में श्री शर्मा के नाम पर अपनी असहमति जताई है.
ग्रैंड मास्टर प्रेम कुमार का अतुलनीय योगदान रहा
केशरी ने अपने पत्र के माध्यम से महामहिम से अनुरोध किया है कि कृपया इस तथ्य कि जांच की जाए की जिस व्यक्ति को खेल के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए यह सम्मान दिया जाना है उनका खेल से किसी प्रकार का जुड़ाव है भी या नहीं. उन्होंने थांग-टा खेल में अपने 15 वर्षों के अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि गत पंद्रह वर्षों से मैं लगातार इस खेल से जुड़ा हूँ और लगभग सभी राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय थांग-टा गतिविधियों में मेरी भागीदारी रही है परन्तु इस दौरान मुझे कभी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से के शनाथोईबा शर्मा की भागीदारी नहीं दिखी. बल्कि भारत के इस प्राचीन धरोहर थांग-टा का खेल प्रारूप को स्थापित करने से लेकर देश – विदेश में इसे विकसित करने में इस कला के ग्रैंड मास्टर प्रेम कुमार का अतुलनीय योगदान रहा है जिनके नेतृत्व में थांग-टा फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, एशियाई थांग-टा फेडरेशन तथा वर्ल्ड थांग-टा फेडरेशन की स्थापना हुई.
प्रेम के परिश्रम से आईओए ने दी इस खेल को मान्यता
प्रेम कुमार के कठिन परिश्रम का ही परिणाम है कि वर्ष 2007 में इस देशी खेल को भारतीय ओलिंपिक संघ द्वारा मान्यता दी गई तथा आज यह खेल स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया तथा खेलो इंडिया युथ गेम्स का हिस्सा बन चुकी है. वर्तमान में श्री प्रेम कुमार वर्ल्ड थांग-टा फेडरेशन के अध्यक्ष होने के साथ -साथ थांग-टा फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के तकनिकी निदेशक भी हैं और इनके नेतृत्व में अब तक भारत के विभिन्न राज्यों में 28 बार राष्ट्रीय थांग-टा चैंपियनशिप तथा कई अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं सफलता पूर्वक आयोजित हो चुकी है. श्री केशरी के अनुसार इस स्वदेशी खेल के उत्थान के लिए पद्मश्री सम्मान के हकदार सिर्फ और सिर्फ ग्रैंड मास्टर प्रेम कुमार हैं जिनके साथ भेद भाव करते हुए इस सम्मान के लिए एक ऐसे व्यक्ति के नाम की अनुशंसा की गई है जिनका थांग-टा के खेल प्रारूप से किसी प्रकार का जुड़ाव ही नहीं है.