New Delhi news : हमारे जीवन की आवश्यकताओं के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दखल लगातार बढ़ रहा है। अब यह जानकारी मिल रही है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम मेधा (AI) जहां कुछ निश्चित भूमिकाओं को खत्म कर देगी। वहीं उससे ज्यादा नई नौकरियां पैदा कर देगी। डेलॉयट के एआई कार्यकारी रोहित टंडन ने कहा कि भविष्य एआई-मानव के सहयोग का है, ना कि एआई मानवों की जगह ले लेगी। टंडन ने कहा कि वह एक क्रांतिकारी युग की कल्पना करते हैं, जहां प्रौद्योगिकी कार्यबल को प्रतिस्थापित करने के बजाय उसे सशक्त बनाएगी। डेलॉयट एलएलपी के एआई खंड के प्रबंध निदेशक टंडन ने पीटीआई-से बातचीत में कहा कि एआई नौकरियां नहीं छीनेगी, बल्कि कुछ आसान नौकरियों को खत्म कर देगी, तथा नई भूमिकाएं सृजित करेगी।
लोगों की जगह लेने की क्षमता
उन्होंने कहा, “एआई लोगों की जगह ले लेगी… ऐसा नहीं होगा। आपको अभी भी इंसानों की जरूरत है।” टंडन ने कहा कि जब आईटी, प्रौद्योगिकी और कंप्यूटर परिदृश्य में आए तो नौकरियों के खत्म हो जाने का ऐसा ही डर था। उन्होंने कहा, “लेकिन जरा देखिए कि आईटी की वजह से दुनियाभर में कितनी नौकरियां पैदा हुई हैं।
सुपरकंप्यूटर आपके फोन पर
यही बात एआई के साथ भी होने जा रही है। यह सर्वव्यापी होने जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे आज है, जैसे आपके पास आज के सबसे बड़े सुपरकंप्यूटर आपके फोन पर उपलब्ध हैं, कुछ सबसे शक्तिशाली एआई एल्गोरिदम आपके पर्स में, आपके बटुए में, आपकी जेब में होंगे।” टंडन ने कहा, “यह ऐसी चीज होगी जिसके बारे में हम बात करें या न करें, यह हमारे जीवन का एक हिस्सा बन जाएगी।” उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कोई नई तकनीक आई है और उससे नौकरियां जाने का खतरा पैदा हुआ है।