Old Car Can Have CNG Kit Or Change In EV : पेट्रोल-डीजल के दाम को देखते हुए अब अधिक लोग गाड़ियों में सीएनजी का इस्तेमाल करना चाहते हैं अथवा इलेक्ट्रिक वर्क लेना चाहते हैं। अगर आपके पास डीजल से चलने वाली कार है या फिर पेट्रोल से चलने वाली कार है तू भी नो प्रॉब्लम। इस कार को इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) या फिर सीएनजी में कन्वर्ट कराने का इरादा है, तो फिर यह मुमकिन है। इससे आपको लाभ भी है।
सीएनजी की तुलना में ईवी वाहन अधिक सुरक्षित
अगर हम ईवी वाहन की बात करते हैं, तो फिर ईवी वाहन सीएनजी वाहनों की तुलना में काफी अधिक सुरक्षित होते हैं, क्योंकि इसमें बैटरियों का पूरी तरह से परीक्षण किया जाता हैं।उसके बाद ही वाहनों पर उपयोग करने की मंजूरी दी जाती है। पुरानी गाड़ियों में ईवी में रेट्रो फिट करवाना सीएनजी किट को इंस्टॉल करवाने से ज्यादा बेहतर माना जाता है। इसकी वजह से वजह यह है कि गाड़ी में जब ईवी पावरट्रेन लगाते हैं तो फिर उसकी लाइफ बेहतर रहती है। इसके साथ ही रनिंग कॉस्ट भी कम हो जाता है।
सीएनजी के लिए पुरानी कार का खत्म करना होगा बूट स्पेस
इसके साथ ही अगर आपके पास पुरानी कार है, तो फिर आप अपने पुरानी कार में सीएनजी किट को लगवा सकते हैं। हालांकि अगर आप अपनी पुरानी कार में सीएनजी किट लगवाते है, तो फिर इसे लगवाने के लिए आपकी पुरानी कार का बूट स्पेस समाप्त हो जाता है। आप अपने पुरानी गाड़ी को ईवी में कन्वर्ट करवाते है, तो फिर आपको कुछ नया फील होगा, क्योंकि भारतीय बाजार में ईवी की संख्या कम है।
पेट्रोल-डीजल कार को ईवी में कर सकते हैं चीन
अगर हम बात करें ईवी रेट्रोफिटिंग क्या होता है, तो फिर डीजल या पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को ईवी में बदलने से प्रक्रिया को ईवी रेट्रोफिटिंग कहते है। इसमें हो नए वाहन के इंजन है इसको आपको पूरी तरह से एक नई मोटर और ड्राइवट्रेन से बदल सकते हैं । इसमें सब जो पार्ट्स होते है यह पार्ट्स सामान्य रहते गई और हैडलाइट जैसे पार्ट्स को बदलना आसान हो जाता है। इसके साथ ही मरम्मत करना आसान हो जाता है।
वाहन से कम होगा प्रदूषण
आप अपने ईवी को घर पर चार्ज कर सकते हैं। केवल रेट्रोफिटिंग एजेंसियां आरटीओ को ही अनुमति देती हैं, जो नियमों का सख्त पालन करते हैं । अगर हम रेट्रोफिटिंग के फायदे की बात करें तो फिर रेट्रोफिटिंग आपके वाहन की आयु को बढ़ा देता है, जब आपका वाहन बेहतर स्थिति में हो। जब आपके वाहन में ईंधन का इस्तेमाल कम होगा तो फिर इससे वायु प्रदूषण भी कम होगा। इसके साथ ही अगर वाहनों के रेट्रोफिट होता है तो फिर इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होगे।