National News Update, New Delhi, Online Gaming, Self Controlling : भारत में ऑनलाइन कंपनियों कि गलत गतिविधियों पर नकेल कसने को लेकर मोदी सरकार ने बड़ी पहल की है। आप जानते हैं कि आजकल हर कोई ऑनलाइन गेम खेलकर पैसे कमाने की चाहत रखता है। इन दिनों ऑनलाइन किक्रेट खिलाने और रकम जीतने का दावा करने वाली कई कंपनियों के विज्ञापन भी देखे जा सकते हैं। ऑनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी या दांव लगाने संबंधी कार्यों को रोकने और गेमिंग कंपनियों पर निगरानी के लिए सरकार ने कमर कस ली है। बीते दिनों केंद्र ने इसको लेकर निगरानी बढ़ाते हुए स्व-नियामक संगठनों की नियुक्ति करने की घोषणा की है और ऑनलाइन गेमिंग अनुमति संबधी अधिकार भी स्व-नियामक संगठनों को दे दिए हैं। ऐसे में कुछ प्रमुख ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने सरकार से नियमों को लेकर स्पष्टीकरण जारी करने की अपील की है।
जारी किए गए हैं मानदंड
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बीते दिनों ऑनलाइन गेमिंग को लेकर मानदंड जारी किए हैं। ताजा नियमों के अनुसार सरकार कई स्व-नियामक संगठनों (SRO) की नियुक्ति करेगी। एसआरओ में गेमिंग इंडस्ट्री के प्रतिनिधि, शिक्षाविद, बाल विशेषज्ञ, मनोविज्ञान विशेषज्ञ आदि लोग शामिल होंगे, जो ऑनलाइन खेलों की निगरानी और उन्हें अनुमति देने के लिए जिम्मेदार होंगे। इसके साथ ही मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमर्स के लिए केवाईसी वेरिफिकेशन मैंडेटरी कर दिया है।
नए नियमों के स्पष्टीकरण की बात
बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के साथ एक बैठक में गेमिंग कंपनियों के शीर्ष प्रतिनिधियों ने पूछा कि नए नियमों को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया जाए। बैठक में ड्रीम11, नजारा टेक्नोलॉजीज, इनमोबी, गेम्सक्राफ्ट, विंजो गेम्स, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) सहित ऑनलाइन गेमिंग और तकनीकी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स (FIFS), ई-गेमिंग फेडरेशन और ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन जैसे निकायों के सदस्य भी उपस्थित रहे।