Dhanbad News : पर्यटन , कला -संस्कृति , खेलकूद एवम युवा कार्य विभाग झारखंड सरकार के सांस्कृतिक कार्य निदेशालय एवम ‘कला निकेतन ‘ के संयुक्त तत्वावधान में नाट्य कार्यशाला के आयोजन में ज़िले के कलाकारों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें थियेटर में प्रयुक्त होने वाली विभिन्न विधाओं की बरीकियों एवम उसके गुणों को विधिवत जानकारी दी जा रही है । भरत मुनि द्वारा रचित पंचम् वेद अर्थात् नाट्य शास्त्र जो थियेटर का एक संविधान है । जिसके आधार पर नाटक की अवस्था,रस, अलंकार एवम मंच की बनावट, प्रकाश संयोजन आदि की विधिवत प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

झारखण्ड कला सम्मान प्राप्त एवम अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वरिष्ठ रंगकर्मी व निर्देशक बशिष्ठ प्रसाद सिन्हा के द्वारा
व्याकरणिक गुण बताये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि थियेटर के व्याकरण के बिना नाटक अधूरा है। जिस तरह से गणित सूत्र पर आधारित है उसी प्रकार नाटक ( थियेटर ) भी सूत्र पर आधारित है। कार्यशाला के बीच – बीच में ज़िला खेल पदाधिकारी सह संस्कृति नोडल पदाधिकारी उमेश लोहरा अपनी उपस्थित के साथ कलाकारों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। नाट्य कार्यशाला में प्रशिक्षु कलाकारों द्वारा “महारथी कर्ण” नाटक की तैयारी ज़ोरों पर है, जिसका मंचन 02 मई को होगा।