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छत्तीसगढ़ ईडी ने दो शराब कारोबारियों अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को किया गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ ईडी ने दो शराब कारोबारियों अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को किया गिरफ्तार

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Raipur news : छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में ईडी ने दो शराब कारोबारियों अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपितों को विशेष पीएमएलए कोर्ट ने 6 जुलाई तक के लिए ईडी की रिमांड में भेज दिया है। दोनों पर आरोप है कि वर्ष 2019-2022 के बीच 2,161 करोड़ से अधिक के शराब घोटाले में वे शामिल रहे हैं। ईडी ने अरविन्द को दूसरी बार और भिलाई निवासी त्रिलोक सिंह ढिल्लन को पहली बार गिरफ्तार किया है।

ईडी द्वारा गुरुवार को दी गयी जानकारी के अनुसार जांच टीम ने 01 जुलाई को रायपुर केन्द्रीय जेल में बंद अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को गिरफ्तार किया है। दोनों की गिरफ्तारी की के बाद विषेष धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अदालत ने 06 जुलाई तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया है।

छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कुछ समय पहले दोनों शराब कारोबारियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से दोनों लोग जेल में बंद रहे। ईडी की जांच में धन शोधन मामला जनवरी में दर्ज ईओडब्ल्यू और एसीबी की प्राथमिकी से निकला था। इसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड और अन्य सहित 70 व्यक्तियों और कंपनियों के नाम शामिल हैं। शराब घोटाला केस में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ-साथ कुछ अन्य नौकरशाहों और राजनेताओं को ईडी गिरफ्तार कर चुका है।

संघीय जांच एजेंसी ने दावा किया कि शराब व्यवसायी त्रिलोक सिंह मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से अपराध की आय का ‘प्रमुख लाभार्थी’ था। जांच एजेंसी के मुताबिक उसने स्वेच्छा से और जान-बूझ कर अपने बैंक खातों और फर्मों को बड़ी मात्रा में अपराध की आय को इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी। कथित रूप से बिना किसी उचित स्पष्टीकरण के उसने एफएल-10ए लाइसेंस धारकों से बैंकिंग चैनलों के माध्यम से धन लिया है। उसे गलत तरीके से असुरक्षित ऋण के रूप में दिखाया है और उन्हें सावधि जमा के रूप में रखा।

जांच एजेंसी के अनुसार दिखाये गये अंतर्निहित व्यापारिक लेन-देन पूरी तरह से फर्जी पाये गये हैं। यह भी दावा किया कि अन्य गिरफ्तार शराब व्यवसायी अरविंद सिंह ने छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट में सक्रिय भूमिका निभाई और वह अनवर ढेबर का दाहिना हाथ था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि त्रिलोक सिंह ढिल्लन ने डुप्लीकेट होलोग्राम की आपूर्ति की. नकदी एकत्र करने और अपने सहयोगियों के माध्यम से डिस्टिलर्स को बिना बिल के शराब की बोतलें आपूर्ति करने के लिए जिम्मेदार था।

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