New Delhi news : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जोखिम और कठिनाई भत्ते को उनके मूल वेतन के 40 प्रतिशत की दर से बढ़ा दिया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीआरएफ के पर्वतारोहण अभियान विजय के ध्वजारोहण समारोह में कहा, ‘मैं आपको एक अच्छा समाचार देना चाहता हूं। लम्बे समय से एनडीआरएफ कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता बढ़ाने की मांग की जा रही थी। कल ही भारत सरकार ने इसे मंजूरी दी है और अब आपको 40 प्रतिशत की दर से जोखिम और कठिनाई भत्ता दिया जायेगा। यह सभी 16,000 एनडीआरएफ बचाव कर्मियों के लिए खुशी की बात है।’
खेल में भागीदारी के लिए रोडमैप तैयार हो रहा
अमित शाह ने यह भी कहा कि सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और सीआईएसएफ जैसे केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्द्धाओं में भागीदारी के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमने यह भी तय किया है कि हमारे सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की एक टीम सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आउटडोर और इनडोर खेलों में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेगी। इसका रोडमैप तैयार हो गया है और कुछ ही समय में हम इसे आगे बढ़ायेंगे।
एनडीआरएफ की खूब प्रशंसा की
केन्द्रीय मंत्री शाह ने एनडीआरएफ की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपदाओं के समय पूरा देश और दुनिया इस पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जब भी कहीं कोई आपदा आती है, तो लोग एनडीआरएफ की ओर देखते हैं। परिस्थिति कितनी भी विपरीत क्यों न हो, अगर एनडीआरएफ की वर्दी में कोई जवान वहां खड़ा हो, तो आपदा में फंसे लोगों का मनोबल कई गुना बढ़ जाता है।
सफल ‘पर्वतारोहण’ अभियान विजय के लिए बधाई दी
शाह ने एनडीआरएफ को उसके सफल ‘पर्वतारोहण’ अभियान विजय के लिए बधाई दी और कहा कि यह कुछ लोगों के लिए जुनून हो सकता है, तो कुछ के लिए महज कर्तव्य होता है। लेकिन, इस तरह के अभियान से व्यक्ति और समूह दोनों को मजबूती मिलती है। इससे हमें लक्ष्य हासिल करने और जीतने की आदत पड़ती है। उन्होंने कहा कि विजय की आदत ही व्यक्ति और बल दोनों को महान बनाती है।
इस मौके पर केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, एनडीआरएफ के महानिदेशक पीयूष आनन्द, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह, गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल मौजूद रहे।