Gandhinagar : बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति में वहां फंसे गुजरात के 14 छात्र स्वदेश लौट आये हैं। राज्य सरकार के भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित करने के बाद ऐसा हो पाया है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने राज्य के प्रवासी गुजराती प्रतिष्ठान एनआरजी फाउंडेशन को तत्काल समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये थे। एनआरजी फाउंडेशन ने बांग्लादेश में फंसे विद्यार्थियों के बारे में जानकारी लेने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9978430075 घोषित किया है। बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गये विद्यार्थियों को वहां भड़की हुई हिंसा व अन्य घटनाओं के बीच अपने माता-पिता व परिवार तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री पटेल ने गुजराती प्रतिष्ठान एनआरजी फाउंडेशन को निर्देश दिये थे। इस पर विद्यार्थियों के अभिभावकों-परिजनों ने एनआरजी फाउंडेशन का अपने-अपने बच्चों का विवरण दिया था। इस आधार पर एनआरजी फाउंडेशन ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के साथ सम्पर्क साधा और करीब 25 विद्यार्थियों को गुजरात लाने की व्यवस्था सुनिचित की।
इन प्रयासों के बाद भरूच जिले के 7, अहमदाबाद व भावनगर के 2-2, अमरेली, मेहसाणा तथा पाटण के 1-1 सहित कुल 14 छात्र बांग्लादेश से सुरक्षित स्वदेश लौट आये हैं। अब राज्य सरकार ने शेष 11 छात्रों को भी वापस लाने की कवायद शुरू की है। केन्द्रीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की स्थिति के संदर्भ में एक एडवाइजरी जारी कर वहां बसनेवाले भारतीय समुदाय के लोगों तथा छात्रों से लोकल ट्रैवल न करने तथा घर से बाहर कम से कम निकलने का अनुरोध किया है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायुक्त तथा सहायक उच्चायुक्त के 24 घंटे कार्यरत फोन नम्बर भी घोषित किये हैं।
बीएसएफ ने सीमा पर खोली हेल्प डेस्क, चिकित्सा जांच की व्यवस्था
इधर कोलकाता में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बांग्लादेश से लौट रहे भारतीय छात्रों की सहायता के लिए कदम बढ़ाया है। बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद छात्र प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप तनावपूर्ण और भय का माहौल बना हुआ है। इस स्थिति के चलते बांग्लादेशी संस्थानों में पढ़ रहे भारतीय छात्र घर लौट रहे हैं।
सीमा पर पहुंचने पर बीएसएफ के दक्षिण बंगाल सीमान्त ने आनेवाले सभी छात्रों को व्यापक सहायता प्रदान की है। विशेष सहायता काउंटरों पर छात्रों के स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा जांच की व्यवस्था की गयी है। छात्रों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, बीएसएफ ने उनकी चिंता और भय से निपटने में मदद करने के लिए डॉक्टरों के साथ परामर्श सत्र की भी व्यवस्था की है। इसके अतिरिक्त, छात्रों को बीएसएफ वाहनों में उनके सम्बन्धित गंतव्यों तक ले जाने से पहले सीमा पर गर्म भोजन और जलपान के साथ स्वागत किया जा रहा है।
बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमान्त के प्रवक्ता डीआईजी ए.के आर्य ने बताया कि उन्होंने आईसीपी पेट्रापोल, एलसीएस महादीपुर, घोजाडांगा और गेदे जैसे प्रमुख बिंदुओं पर बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ समन्वय किया है। दोनों सीमा सुरक्षा बलों के बीच संचार चैनलों को एक सुनियोजित और समन्वित अभियान सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय किया गया है। आपसी सहयोग का प्रदर्शन करते हुए, बीजीबी ने छात्रों को अंतरराष्ट्रीय सीमा तक सुरक्षित पहुंचाया, जिसके बाद बीएसएफ ने उनकी देखभाल और आगे के परिवहन का जिम्मा सम्भाला है।