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पांच साल में एक करोड़ होंगे प्रशिक्षित, मिलेगा स्किल्ड लोन, स्वरोजगार को प्राथमिकता

पांच साल में एक करोड़ होंगे प्रशिक्षित, मिलेगा स्किल्ड लोन, स्वरोजगार को प्राथमिकता

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New Delhi news : केन्द्र सरकार ने एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की मदद से 05 वर्षों की अवधि में एक करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा है। इनमें से प्रतिवर्ष पच्चीस हजार प्रशिक्षित छात्रों को स्किलिंग लोन का फायदा मिलेगा। मंगलवार को केन्द्रीय बजट के दौरान केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केन्द्र द्वारा प्रायोजित एक नयी योजना की घोषणा की ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उद्योग की कौशल सम्बन्धी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और डिजाइन तैयार किया जायेगा और नयी उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे। इस योजना के तहत अगले पांच साल में प्रतिवर्ष 20 लाख युवाओं को आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। इसके साथ ही 7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जायेगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस उपाय से प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को सहायता मिलेगी।

बच्चों के लिए नयी पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा, माता-पिता और अभिभावक करेंगे अंशदान

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में पेश किये गये ‘केन्द्रीय बजट 2024-25’ में बच्चों के लिए एक नयी पेंशन योजना ‘वात्सल्य’ की घोषणा की है। इस पेंशन योजना में माता-पिता और अभिभावक अंशदान करेंगे। वयस्क होने पर, इस योजना को सहज रूप से एक सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि एनपीएस की समीक्षा के लिए गठित समिति ने अपने काम में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा समाधान निकाला जायेगा, जिससे महत्त्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकल सके। साथ ही, आम जनता के हितों की सुरक्षा के लिए राजकोषीय दूरदर्शिता भी बनाये रखी जायेगी।

भूमि सम्बन्धी सुधार का काम अगले तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में केन्द्रीय बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि सम्बन्धी सुधार का काम अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा कर लिया जायेगा। इन सुधारों में भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन तथा शहरी योजना, उपयोग और निर्माण सम्बन्धी कानून शामिल होंगे।

सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों में विशिष्ट भूखंडों की पहचान की जायेगी। इसके साथ साथ भू-खंडो का डिजिटलाइजेशन कर स्वामित्व के अनुसार जमीन और किसानों का पंजीकरण किया जायेगा, इससे ऋण देने में असानी होगी, तो कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी।

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि शहरी इलाकों में भूमि सम्बन्धी रिकॉर्डों का जीआईएस मैपिंग कर डिजिटलीकरण किया जायेगा। सम्पत्ति अभिलेख प्रशासन, अद्यतनीकरण और कर प्रशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि इससे शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।

बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान

केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का एलान किया। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी शानदार अपवाद बनी हुई है। यह आनेवाले साल में भी ऐसी ही रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति कम और स्थिर बनी हुई है, जो चार फीसदी के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि मुझे 02 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 05 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 05 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। इस वर्ष हमने शिक्षा, रोजगार और कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सीतारमण ने कहा कि जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है, हमें चार अलग-अलग जातियों, गरीब, महिला, युवा और किसान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। किसानों के लिए, हमने सभी प्रमुख फसलों के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की है, जो लागत से कम से कम 50 फीसदी मार्जिन के वादे को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में सरकारी की नौ प्राथमिकताएं हैं, जिनमें खेती में उत्पादकता, रोजगार और क्षमता विकास, समग्र मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अधोसरंचना, नवाचार, शोध और विकास और अगली पीढ़ी के सुधार शामिल है।

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