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वाहनों की जांच कर रहे पुलिस जवान को टैंकर ने रौंदा, सड़क पर कई टुकड़ों में बिखर गया शव, हजारीबाग के चौपारण की घटना

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Chauparan Hazaribagh Jharkhand news : हजारीबाग जिला अंतर्गत झारखंड-बिहार सीमा स्थित चौपारण के चोरदाहा चेकपोस्ट पर वाहन की जांच कर रहे जैप-3 के जवान मो. शहमूद अली को एक गैस टैंकर ने शनिवार को कुचल डाला। टक्कर इतनी जोरदार थी कि जवान का शव कई टुकड़ों में सड़क पर बिखर गया। 59 वर्षीय मो. शहमुद गिरिडीह जिले के बेंगाबाद के रहने वाले थे। एक महीने बाद ही वह सेवानिवृत्त होने वाले थे। पुलिस ने टैंकर को जब्त करते हुए उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया है।

गिरिडीह भिजवाया गया शव

मिली जानकारी के अनुसार जवान पिकअप संख्या डब्लूबी 11डी 9346 की जांच – पड़ताल कर रहे थे। इसी दौरान पीछे से आ रहे गैस टैंकर संख्या यूपी 65 ईटी 5581 ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद चोरदाहा चेकपोस्ट पर अफरा-तफरी मच गई। इधर, घटना के बाद पुलिस लाइन में दिवंगत जवान को एसपी, हजारीबाग की अगुवाई में गार्ड आफ आनर दिया गया। इसके बाद पुलिस वाहन से देर शाम शव को गिरिडीह भेज दिया गया। जवान अपने पीछे तीन पुत्र व तीन पुत्रियों को छोड़ गए हैं।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

रोड पर चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मियों की दुर्घटना में मौत हो जाने या अपराधियों द्वारा जान-बूझकर कुचल डालने की घटनाएं  अलग-अलग समय में राज्य के विभिन्न हिस्सों में होती रही हैं। रांची में तुपुदाना के हुलहुंडू में इसी साल 20 जुलाई को वाहन चेकिंग के दौरान पशु तस्करों ने 2018 बैच की दारोगा संध्या टोपनो को रौंद दिया था। महिला दरोगा की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन पशु तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एक साल पहले 12 सितंबर 2021 की रात गिरिडीह के बेंगाबाद में देवघर मार्ग पर एक टैंकर ने पुलिस के पेट्रोलिंग वाहन को टक्कर मार दिया था। इसमें दारोगा विनय हांसदा की मौत हो गई थी, जबकि तीन जवान जख्मी हुए थे। 

वाहन चेकिंग के लिए क्या है गाइडलाइन

1-पुलिस के गाइडलाइन के अनुसार सड़क पर वाहन चेकिंग के लिए जिग-जैग बैरियर लगाया जाता है, ताकि वाहनों की स्पीड धीमी हो जाए। इसके बाद ही पुलिसकर्मी संबंधित वाहनों को चेक कर सकते हैं।

2- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वाहन चेकिंग का दूसरा तरीका होता है। वहां एक ही जगह पर सभी जवान नहीं रहेंगे। चेक पोस्ट की 360 डिग्री कवर चेकिंग होती है। अगर एक जवान पूरब की तरफ देख रहा है तो दूसरा पश्चिम की तरफ देखेगा। इससे दोनों ओर की निगरानी हो सकेगी। अलग-अलग टुकड़ियों में बंटकर वहां चेकिंग लगती है।

3- जहां वाहनों की संख्या व स्पीड कम होती है वहां ड्राप गेट भी लगता है और एक-एक कर वाहनों की चेकिंग होती है।

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