Bhuvneshwar news: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने फिर प्रकृति की मानव जाति के लिए अहमियत बतायी। उन्होंने कहा, ‘रोजमर्रा की भागदौड़ में हम मदर नेचर से अपना सम्बन्ध खो देते हैं। मानव जाति मानती है कि उसने प्रकृति पर कब्जा कर लिया है और अपने अल्पकालिक लाभों के लिए इसका दोहन कर रही है। इसका नतीजा सभी देख सकते हैं। इस गर्मी में, भारत के कई हिस्सों में भीषण हीट वेव चली। हाल के वर्षों में हमने देखा कि दुनिया असामान्य मौसम की मार झेल रही है। हालात इशारा कर रहे हैं कि आनेवाले दशकों में स्थिति और भी बदतर हो सकती है। इसके बाद राष्ट्रपति ने ग्लोबल वॉर्मिंग से होनेवाले नुकसान का जिक्र किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार सुबह पवित्र शहर पुरी के समुद्र तट पर पहुंची। श्री जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा में भाग लेने के अगले दिन उन्होंने प्रकृति के साथ बिताये अपने इस अनुभव के बारे में विचार लिखे। एक्स पोस्ट में राष्ट्रपति ने लिखा, ऐसी जगहें हैं, जो हमें जीवन का सार समझाती हैं और हमें याद दिलाती हैं कि हम प्रकृति का हिस्सा हैं।
पहाड़, जंगल, नदियाँ और समुद्र तट हमारे भीतर की किसी चीज को कुरेदते हैं हमें आकर्षित करते हैं। आज जब मैं समुद्र तट पर टहल रही थी, तो मुझे वातावरण से एक जुड़ाव सा महसूस हुआ। मध्यम हवा, लहरों के शोर और पानी के विशाल फैलाव विचारों में खो जाने वाला अनुभव था। उन्होंने आगे कहा, ‘इससे मुझे एक गहन आंतरिक शांति मिली।