New Delhi news : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने घोषणा की कि कांग्रेस वायनाड में 100 से अधिक घर बनायेगी। उन्होंने कहा कि केरल ने पहले किसी भी क्षेत्र में ऐसी त्रासदी नहीं देखी है और वह इस मुद्दे को राज्य व केन्द्र; दोनों के समक्ष उठायेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों वायनाड में राहत शिविरों का दौरा कर रहे हैं, जो तीन बड़े भूस्खलनों से प्रभावित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 275 से अधिक लोगों की मौत हो गयी और कई घर नष्ट हो गये।
‘यह एक भयानक त्रासदी
राहुल गांधी ने कहा कि वह कल गुरुवार से वायनाड में हैं। उन्होंने कहा, ‘यह एक भयानक त्रासदी है। हम कल साइट पर गये थे। हम शिविरों में गये, हमने वहां की स्थिति का आकलन किया। आज शुक्रवार को हमने प्रशासन और पंचायत के साथ बैठक की। उन्होंने हमें हताहतों की संख्या, क्षतिग्रस्त हुए घरों की संख्या और अपनी रणनीति के बारे में जानकारी दी। हमने कहा है कि हम हर सम्भव तरीके से मदद करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस यहां पर सौ घर बनायेगी।’
मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुददे को उठायेंगे
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें लगता है कि केरल ने एक खास इलाके में इस प्रकार की त्रासदी नहीं देखी है, इसलिए वह केन्द्र सरकार और यहां केरल के मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुददे को उठायेंगे। यह एक अलग स्तर की त्रासदी है। इससे अलग तरह से व्याहारिक तरीके से निपटना चाहिए। वायनाड के प्रभावित लोगों की मदद के लिए वह केन्द्र व राज्य सरकारों से अनुरोध करेंगे। उल्लेखनीय है कि वायनाड जिले में भू-स्खलन की घटना में 200 से अधिक मौतें हो चुकी हैं और सैकड़ों घायल व लापता हैं।
213 से अधिक लोगों का अभी चल रहा है इलाज
शुक्रवार को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी जानकारी दी कि वायनाड के मेप्पदी के पास पहाड़ी इलाकों में मंगलवार तड़के हुए भीषण भूस्खलन के बाद 213 से अधिक लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है। इसके लिए छह क्षेत्रों में खोज करने के लिए 40 खोजी दल बनाये गये हैं। मंत्री के मुताबिक पहले जोन में अट्टामाला और अरनमाला, दूसरे जोन में मुंडकाई, तीसरे जोन अमलीमट्टम, चौथे जोन में वेल्लारमाला विलेज रोड, पांचवें जोन में जीवीएचएसएस वेल्लारमाला और छठे जोन में अतिवारा शामिल हैं। प्रत्येक टीम में तीन स्थानीय, वन विभाग का एक कर्मचारी और सेना, नौसेना, तटरक्षक, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य के सदस्य होंगे। इसमें पुलिस और स्थानीय तैराकों के सहयोग से टीमें भी शामिल होंगी।