New Delhi news : मेडिकल एंट्रेस परीक्षा नीट-2024 विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि पेपर लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसका दायरा कितना बड़ा है, यह समझना जरूरी है कि पेपर लीक कितना व्यापक है? सिर्फ दो लोगों की चीटिंग की वजह से पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने कहा, ‘हम जानना चाहते हैं कि एनटीए और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई तय की है।
ये भी ध्यान देने की बात है कि लीक कैसे हुआ। अगर पेपर सोशल मीडिया से लीक हुआ तो लीक व्यापक हो सकता है। अगर लीक टेलीग्राम, व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हुआ, तो ये जंगल में आग की तरह फैला हो सकता है। दूसरी ओर, अगर लीक 05 तारीख की सुबह हुआ है, तो इसके फैलने का समय सीमित रहा है।
मेडिकल एंट्रेस परीक्षा नीट-2024 विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। आज सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा, ‘किस आधार पर दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं?’ सीनियर वकील नरेन्द्र हुड्डा अगर सिस्टम लेवल पर गलती पायी जाती है, तो पूरी परीक्षा की पवित्रता से समझौता होगा। गलत तरीकों से रैंक लानेवालों की पहचान नहीं हो पा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘हम ऐसे एक भी कैंडिडेट को आगे नहीं बढ़ने देंगे, जिसने गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है।’
अदालत 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है। इनमें से 34 याचिकाएं छात्रो, शिक्षकों और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं, जबकि चार याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनटीए ने लगायी हैं। 50 से ज्यादा याचिकाएं दोबारा परीक्षा के खिलाफ याचिका लगायी है। बता दें इस साल 05 मई को नीट परीक्षा हुई थी। 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केन्द्रों पर करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, लेकिन यह परीक्षा विवादों में आ गयी। पेपर लीक और 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क देने के बाद कई छात्रों ने धांधली और गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसे लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए। विपक्षी दलों ने संसद में यह मुद्दा उठाया।