Thiruvananthapuram news, Kerala news : केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से केरल राज्य का नाम केरलम करने का प्रस्ताव पारित हुआ है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की ओर से पेश प्रस्ताव का कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने समर्थन किया। ऑल इंडिया मुस्लिम लीग के विधायक एन शमसुदीन ने इसमें संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिसे बहुमत से खारिज किया गया। अब यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा। केन्द्र की मंजूरी मिलते ही केरल का नाम केरलम होगा। बता दें कि पिछले साल 2023 में भी केरल विधानसभा की ओर से प्रस्ताव पारित कर केन्द्र को भेजा गया था, लेकिन तकनीकी आपत्ति के कारण मंजूरी नहीं मिली थी।
संविधान के अनुच्छेद 3 में नाम बदलने का प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 03 में किसी राज्यों के गठन, क्षेत्र, बॉर्डर का नाम बदलने का प्रावधान है। विधानसभा से प्रस्ताव पास होने के बाद केन्द्र संविधान की पहली अनुसूची में राज्य का नाम बदलने की सिफारिश करती है। अगस्त 2023 के पारित प्रस्ताव कहा गया था कि आठवीं अनुसूची के तहत सभी भाषाओं में नाम बदला जाए। सीएम विजयन ने बताया कि अब नये सिरे से प्रस्ताव लाया गया है, जो राज्य के लोगों की आकांक्षा के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि अभी मलायलम में केरल को केरलम कहा जाता है, मगर आधिकारिक रिकॉर्ड में केरल लिखा जा रहा है। इसका नाम बदलना जरूरी है।
भाषा के आधार पर कई शहरों के नाम बदले जा चुके हैं
बता दें कि देश में भाषा के आधार पर कई शहरों के नाम बदले गये हैं। इसके पहले 2011 में उड़ीसा का नाम बदल कर ओड़िशा किया है। उत्तराखंड के नाम भी दो बार बदले जा चुके हैं। उत्तरांचल और उत्तराखंड नाम को लेकर लम्बे समय तक उलटफेर होता रहा। इसके अलावा बंबई, मद्रास, औरंगाबाद, फैजाबाद, मुगलसराय जैसे शहरों के नाम बदले गये हैं। 1995 में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने बंबई का नाम बदल कर मुंबई कर दिया। 1996 में मद्रास को नया नाम चेन्नई बना। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले भी छत्रपति संभाजी नगर कहलाता है। योगी आदित्यनाथ के दौर में फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या और मुगलसराय को दीन दयाल उपाध्याय नगर किया गया।