होम

वीडियो

वेब स्टोरी

उपराष्ट्रपति ने मेधावी लड़कियों का साथ देने के लिए फिक्की सदस्यों को किया प्रोत्साहित

50df117b af9c 4f6a a634 e7895db5b64e

Share this:

New Delhi news : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने  फिक्की महिला संगठन की सदस्यों को वित्तीय और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रही मेधावी लड़कियों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस तरह के समर्थन के व्यापक प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि लड़कियों की शिक्षा और सुरक्षा में मदद करने से उन्हें अद्वितीय संतुष्टि और खुशी मिल सकती है। लड़कियों के सशक्तीकरण से जुड़े समाज के विकास पर प्रकाश डालते हुए, धनखड़ ने कहा कि जब एक महिला परिवार के खर्च और परिवार की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करती है तो परिवार का विकास सुनिश्चित होता है। पिछले दस वर्षों में यह बड़े पैमाने पर किया गया है।

सीएसआर पहलों की आवश्यकता पर जोर

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने फिक्की सदस्यों से अपने परिवारों और सम्बन्धित कॉरपोरेट्स को लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में सीएसआर प्रयासों को दिशा देने के लिए प्रभावित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने सीएसआर पहलों की आवश्यकता पर जोर दिया, जो अंतिम छोर तक पहुंचती हैं। उपराष्ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि सबसे वंचित लड़कियों को सहायता प्रदान करके आशा और अवसर पैदा किये जा सकते हैं, जिससे उनके जीवन पर महत्त्वपूर्ण और सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। फिक्की एफएलओ चेन्नई चैप्टर के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने महिलाओं को उनके धर्म के बावजूद न्यायसंगत, समान सहायता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की।

महिलाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों जैसे हर घर में शौचालय, किफायती आवास, हर नल में जल और हर घर में नल, मुद्रा योजना पर प्रकाश डाला।

धनखड़ ने महिला सशक्तीकरण पर प्रकाश डाला 

संसद में महिला सशक्तीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए धनखड़ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जब राज्यसभा ने महिला आरक्षण विधेयक पारित किया था, तब 17 महिला सांसद प्रमुख पदों पर थीं। उनके और उपसभापति के अलावा सभी महिलाएं थीं। उन्होंने राज्यसभा में लैंगिक प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय प्रगति पर जोर देते हुए कहा कि एक समय में पुरुषों का वर्चस्व था, लेकिन अब 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। महिला नेतृत्ववाले सशक्तीकरण में भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति ने एक साधारण आदिवासी महिला, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को देश की प्रथम नागरिक बनते देख कर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘भारत महिला नेतृत्व वाले सशक्तीकरण को परिभाषित कर रहा है।’

Share this:




Related Updates


Latest Updates