Sarvagasana, health tips : सर्वांगासन में संपूर्ण शरीर का व्यायाम होता है और इसी लिए इसे सर्व-अंग-आसन = सर्वांगासन नाम दिया गया है। इस आसन को करने से आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे और किसी भी प्रकार की बीमारी भी नहीं होगी। इस लेख में सर्वांगासन के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में सर्वांगासन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है।
सर्वांगासन के फायदे
✓कंधों और गर्दन में खिचाव पैदा करता है।
✓सर्वांगासन थायराइड और हाइपोथेलेमस ग्रंथियों को संतुलित करता है ताकि शरीर में उचित हार्मोन उत्पादन हो सके।
✓हृदय और श्वसन प्रणाली को मजबूत करता है।
✓सर्वांगासन से पाचन अंगों पर सकारात्मक असर होता है जिस से कब्ज़ में राहत मिलती है।
✓इस आसन से चेहरे पे रक्त प्रवाह बढ़ने के कारण झुर्रियां कम होती हैं।
✓सर्वांगासन करने से मन का तनाव कम होता है जिस से बेहतर नींद आती है।
सर्वांगासन करने का तरीका
✓कमर के बल सीधे लेट जायें। हाथों को सीधा पीठ के बगल में ज़में पर टिका कर रखें।
✓साँस अंदर लेते हुए दोनो टाँगों को उठा कर अर्ध-हलासन में ले आयें।
✓कोहनियों को ज़मीन पर टिकाए हुए दोनो हाथों से पीठ को सहारा दें। इस मुद्रा में 1-2 साँस अंदर और बाहर लें और यह पक्का कर लें की आपका संतुलन सही है।
✓अब धड़ और और टाँगों को उठा कर बिल्कुल एक सीध में कर लें (नीचे दिए गये चित्र में चौथी मुद्रा देखें)। दृष्टि को नाक पर रखें। अगर आपको यह करने से दिक्कत होती है संतुलन बनाए रखने में तो दृष्टि को नाभी पर भी रख सकते हैं।
✓अपनी क्षमता के मुताबिक 60 से 300 सेकेंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से नीचे आ जायें। शुरुआत में कम देर करें (30 सेकेंड भी पर्याप्त है) और धीरे धीरे समय बढ़ायें।
सर्वांगासन का आसान तरीका
✓अगर आपकी गर्दन में लचीलापन कम हो तो कंधों के नीचे एक तौलिया लगा लें ऐसा करने से गर्दन को आराम मिलेगा।
✓अगर आपको अपने आप को संतुलित रखने में कठिनाई आ रही हो तो दीवार का सहारा ले सकते हैं।
सर्वांगासन करने में इन सावधानियों को बरतें
✓दस्त, सिरदर्द, हाई बीपी, माहवारी या गर्दन में चोट हो तो सर्वांगासन ना करें।
✓क्यूंकी यह एक कठिन आसन है, इसे शुरुआत में किसी गुरु के निर्देशन में ही करें।
✓अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगायें।



