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48 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को भी मार गिराएगी भारत में बनी यह तोप, आज…

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76 th. Independence day : लाल किले में 15 August  2022 को स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान पहली बार स्वदेश में विकसित होवित्जर तोप ATAG का इस्तेमाल किया गया। आजादी के 75 साल बाद यह पहली बार है, जब लाल किले पर तिरंगे को 21 तोपों की सलामी देने के लिए ‘मेड इन इंडिया’ (भारत में निर्मित) तोप का इस्तेमाल किया गया। DRDO द्वारा विकसित, एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) का इस्तेमाल पारंपरिक ब्रिटिश मूल के ’25 पाउंडर्स’ आर्टिलरी गन के साथ किया गया। भारत में निर्मित यह तोप 48 किलोमीटर दूर बैठे दुश्मन को भी निशाना बनाकर मौत के घाट उतार सकती है।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किया जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान केंद्र की आत्मानिर्भर भारत पहल के बारे में बोलते हुए तोप का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “आज आजादी के बाद 75 वर्षों में पहली बार, तिरंगे को दी जाने वाली 21 तोपों की सलामी में मेड-इन-इंडिया आर्टिलरी गन का इस्तेमाल किया गया। सभी भारतीय इस ध्वनि से प्रेरित और सशक्त होंगे। आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भरता की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों और सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सलाम करता हूं।”

इसके पहले भारत करता था ब्रिटिश तोपों का इस्तेमाल

अधिकारियों ने कहा कि अब तक इस रस्मी सलामी के लिए भारत में ब्रिटिश तोपों का इस्तेमाल होता था। जिन स्वदेशी तोपों से आज सलामी दी गई उनको रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। ATAGS एक स्वदेशी 155 मिमी x 52 कैलिबर हॉवित्जर गन (तोप) है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा अपनी पुणे स्थित नोडल एजेंसी आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (ARDE) के साथ मिलकर विकसित किया गया है। 

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