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राहुल गांधी को चाईबासा की विशेष अदालत से मिली सशर्त जमानत

राहुल गांधी को चाईबासा की विशेष अदालत से मिली सशर्त जमानत

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East Singhbhoom News: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी को पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सिविल कोर्ट स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत से राहत मिल गयी है। अदालत ने उन्हें हेट स्पीच मामले में सशर्त जमानत दे दी है।

एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में बुधवार को राहुल गांधी की यह पेशी वर्ष 2018 के एक विवादास्पद भाषण को लेकर दर्ज हेट स्पीच और आपराधिक मानहानि के मुकदमे के सिलसिले में हुई। राहुल की पेशी विशेष न्यायाधीश सुप्रिया रानी तिग्गा की अदालत में हुई। राहुल गांधी के अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा और दीपांकर रॉय ने अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया।
विशेष अदालत ने राहुल गांधी को उक्त मामले में व्यक्तिगत मुचलके पर जमानत दे दी है। उन्हें ट्रायल में सहयोग करने की शर्त पर राहत दी गयी है। अब इस मामले में नियमित रूप से ट्रायल चलेगा I

दरअसल, यह मामला 28 मार्च 2018 को दिल्ली में आयोजित आॅल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्लेनरी सेशन में दिये गये राहुल गांधी के भाषण से जुड़ा है। आरोप है कि उन्होंने उस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं को ‘हत्यारा’ और ‘झूठा’ जैसे शब्दों से सम्बोधित किया था। इस पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता प्रताप कुमार कटियार ने 09 जुलाई 2018 को चाईबासा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय (सीजेएम कोर्ट) में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि और भड़काऊ भाषण का मुकदमा दर्ज कराया था।

प्रारम्भिक सुनवाई के बाद फरवरी 2020 में झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर यह मामला रांची की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित किया गया और बाद में पुन: उच्च न्यायालय के आदेश पर इसे चाईबासा की विशेष अदालत में भेजा गया।
चाईबासा की विशेष अदालत ने मामले में संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को समन जारी किया, लेकिन उनकी ओर से बार-बार पेशी से छूट की अर्जी दी गयी।
राहुल गांधी की ओर से तय तिथि पर अनुपस्थित रहने के कारण पहले जमानती और फिर गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। इसके खिलाफ उन्होंने रांची उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन 20 मार्च 2024 को यह याचिका निरस्त कर दी गयी। बाद में उन्होंने सीआरपीसी की धारा 205 के तहत फिर से पेशी से छूट मांगी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। इसके बाद 10 मार्च 2025 को

उन्होंने खुद ही याचिका उच्च न्यायालय से वापस ले ली और ट्रायल फेस करने का निर्णय लिया।
रांची उच्च न्यायालय द्वारा 25 अप्रैल 2024 को दिया गया स्थगन आदेश समाप्त होने के बाद 22 मई 2025 को एक बार फिर चाईबासा की विशेष अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया, जिसके बाद बुधवार को राहुल गांधी विशेष अदालत में हाजिर हुए और उन्हें अदालत से जमानत मिल गयी। अब न्यायालय में नियमित रूप से ट्रायल चलेगा, जिसमें अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष दोनों साक्ष्य और तर्क प्रस्तुत करेंगे।

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी के खिलाफ इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर वैमनस्य फैलाना), धारा 504 (जान-बूझ कर अपमान करना, ताकि शांति भंग हो) और धारा 505(2) (समाज में वर्गों के बीच शत्रुता फैलाना) के तहत मुकदमा दर्ज है।

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