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Big question : … तो मणिपुर में अफीम की अवैध खेती है मौजूदा जातीय हिंसा की वजह

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Manipur news, national news, National update, New Delhi news : मणिपुर में अफीम की फसल की कटाई से पहले हवाई अभियान चलाकर अवैध बागानों को नष्ट करने की तैयारी है। यह आदेश कोई और नहीं खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य में अफीम की अवैध खेती को ही हिंसा का मुख्य कारण माना जा रहा है। बहरहाल, इसे केंद्र में रखकर म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के दक्षिणी हिस्सों में अक्टूबर के अंत तक कई एकड़ में अफीम के अवैध पौधों को नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है। आइये और जानें…

यह गोल्डन ट्राईएंगल’, मादक द्रव्यों की तस्करी रास्ता

मणिपुर 1,640 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा का 400 किलोमीटर हिस्सा साझा करता है। इस 400 किलोमीटर लम्बी सीमा के केवल 10 प्रतिशत हिस्से पर ही बाड़ लगाई गई है, जिससे यह ‘गोल्डन ट्राईएंगल’ म्यांमार, लाओस और थाईलैंड के त्रि-जंक्शन से पूर्वोत्तर भारत में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए रास्ता खुला है। इधर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अफीम की खेती का सर्वेक्षण करने और उसे नष्ट करने के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर (एनएबी) की एक संयुक्त समिति का गठन किया है। 

787 एकड़ में लगी अफीम की खेती नष्ट की गई

मणिपुर में मौजूदा संकट का तात्कालिक कारण राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की श्रेणी में शामिल करने की वजह से पहाड़ियों में बसी कुकी जनजाति का विरोध था। इस हिंसा के अन्य कारणों में पहाड़ी जनजातियों की आजीविका का नुकसान भी शामिल है, जो दशकों से अफीम की खेती पर ही निर्भर हैं। जातीय झड़पों से प्रभावित क्षेत्रों में से एक सीमावर्ती चुराचांदपुर शहर है, जहां तीन मई को हिंसा शुरू हुई थी। चुराचांदपुर से लगभग 60 किमी दूर म्यांमार के  उत्तरी हिस्से में अफीम की खेती व्यापक पैमाने पर होती है। इस वर्ष मार्च तक 787.3 एकड़ अवैध अफीम की खेती नष्ट की गई। 2020 से अब तक 16 ग्राम प्रधानों, 62 अवैध अफीम की खेती करने वालों और दो निवेशकों सहित 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

जहां अधिकारियों की पहुंच नहीं, वहां ड्रोन करेगा काम

फिलवक्त ड्रग्स के खिलाफ युद्ध स्तर के अभियान को मजबूत करने के उद्देश्य से दूर-दराज के उन इलाकों में रसायनों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां अधिकारियों की पहुंच आसान नहीं हो सकती है। अफीम की अवैध खेती नष्ट करने के लिए राज्य सरकार ने वायुसेना से भी सहयोग मांगा था, जिस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने निर्देश दिये हैं।

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