Sri Lanka (श्रीलंका) के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने 5 अप्रैल को देर रात इमरजेंसी हटाने की घोषणा कर दी है। गौरतलब है कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने 1 अप्रैल को बिगड़ती स्थिति की वजह से इमरजेंसी लगाने का फैसला किया था। इसके बाद से ही उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा था। 5 अप्रैल की शाम को भी हजारों स्टूडेंट्स ने राजधानी कोलंबो में भारी बारिश के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के घर तक मार्च निकाला था।
चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा
दूसरी तरफ, लगातार गहराते आर्थिक संकट के बीच देश भर में चीन के खिलाफ लोगों को गुस्सा बढ़ता जा रहा है। श्रीलंकाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार के पास पैसा नहीं है, क्योंकि उसने चीन को सब कुछ बेच दिया है। चीन दूसरे देशों को उधार देकर सब कुछ खरीद रहा है।
हिंसा के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी
श्रीलंकाई सेना ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सेना ने 5 अप्रैल को एक बयान जारी कर कहा, विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। श्रीलंका के रक्षा सचिव, जनरल (रिटायर्ड) कमल गुणरत्ने ने लोगों से हिंसा से दूर रहने की अपील की। उधर,
श्रीलंकाई पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को कानून नहीं तोड़ने की चेतावनी दी है। अब तक पुलिस ने 54 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस CCTV फुटेज के आधार पर प्रदर्शनकारियों को पकड़ रही है।