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ISRO का कमाल : चंद्रयान-3 की बड़ी उपलब्धि, प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा से पृथ्वी की कक्षा में स्थापित

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Top National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, ISRO ka kamal, chandrayaan- 3, Prithvi ki raksha mein sthapit, Bengaluru news, science and technology : चंद्रयान 3 ने आज एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली। इसरो एक अनूठे प्रयोग के तहत चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहे चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) को वापस धरती की कक्षा में ले आया है। इसरो ने मंगलवार को एक्स पर खुशी साझा करते हुए बताया कि एक अन्य अनूठे प्रयोग में चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) को चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया है। प्रोपल्शन मॉड्यूल इसके लिए रिटर्न मैनुवर यानी वापसी की प्रक्रिया की गयी।

10 नवंबर को चंद्रमा से वापस धरती की यात्रा शुरू की 

इसरो के मुताबिक 10 नवम्बर को प्रोपल्शन मॉड्यूल ने चंद्रमा से वापस धरती की यात्रा शुरू की। 22 नवम्बर को यान धरती के निकटतम बिंदु (पेरिगी) से होकर गुजरा। यह प्रयोग चंद्रमा से नमूने वापस लाने के मिशन (सैंपल रिटर्न मिशन) को ध्यान में रखते हुए किया गया है। प्रोपल्शन मॉड्यूल जो पहले चंद्रमा की 150 कि.मी. वाली कक्षा में चक्कर लगा रहा था अब धरती की कक्षा में है। इसरो के मुताबिक इस प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्रमा की कक्षा में केवल तीन महीने तक रहना था। लेकिन, इसरो ने ईंधन का उपयोग कर प्रोपल्शन मॉड्यूल को वापस धरती की कक्षा में लाने का फैसला किया ताकि, सैंपल रिटर्न मिशन के लिए अहम जानकारियां जुटायी जा सकें। 

चंद्रयान-3 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया था

उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को लॉन्च को श्री हरिकोटो से प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान -3 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के पास एक सॉफ्ट लैंडिंग करना और विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के माध्यम से चंद्रमा की सतह पर मौजूद खनीज का पता लगाना था। 23 अगस्त को चंद्रयान तीन ने चंद्रमा की धरती पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की। उसके बाद 10 दिनों तक विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने जानकारियां जुटायी। उसके बाद उसे स्लीप मोड पर डाल दिया गया।

क्या होता है प्रोप्लशन मॉड्यूल

चंद्रयान तीन में तीन अहम हिस्से थे जिसमें प्रोपल्शन मॉड्यूल, दूसरा है लैंडर मॉड्यूल और तीसरा है रोवर। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रयान-3 का काम लैंडर और रोवर को धरती की कक्षा से चांद की ओर ले जाना है। पीएम ने लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा यानी आॅर्बिट में 100 किलोमीटर ऊपर छोड़ दिया। प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के आॅर्बिट में लैंडर और रोवर से कम्युनिकेशन बनाये रखने के लिए चक्कर लगाता रहा।

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