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National: एचएएल से पहले बैच में भारतीय वायु सेना को मिलेंगे 2 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान

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National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारतीय वायु सेना को इसी महीने के अंत तक पहले बैच में दो तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमान सौंप देगा, जो स्वदेशी एलसीए तेजस का एक बेहतर संस्करण है। रक्षा विमानन क्षेत्र में भारत का स्वर्ण युग इस महीने 4.5 पीढ़ी के इस फाइटर जेट की पहली उड़ान के साथ शुरू होने जा रहा है। पूरी तरह से तैयार दो एमके-1ए फाइटर जेट एलसीए डिवीजन के अंदर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगली बेंगलुरु यात्रा का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए यह एक हाई प्रोफाइल कार्यक्रम हो सकता है।

03 फरवरी 2021 को डील फाइनल हुई थी

रक्षा मंत्रालय ने 83 एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट के लिए 03 फरवरी, 2021 को एचएएल के साथ डील फाइनल की थी। इसी सौदे का पहला ट्विन-सीटर ट्रेनर पिछले साल 04 अक्टूबर को एचएएल ने वायुसेना को सौंप दिया था। केन्द्र सरकार ने लम्बे इंतजार के बाद पिछले साल 30 नवम्बर को 97 और तेजस एमके-1ए खरीदने को मंजूरी दे दी है। एचएएल के साथ अतिरिक्त 97 तेजस एमके-1ए के सौदे पर हस्ताक्षर होने के बाद कुल 180 विमानों का उत्पादन किया जाना है। एचएएल ने 83 विमानों का ऑर्डर मिलने पर प्रतिवर्ष 16 जेट तैयार करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 97 विमानों का और ऑर्डर मिलने के बाद प्रति वर्ष 32 जेट का उत्पादन करने की तैयारी है।

हवाई बेड़े में शामिल करने से पहले कठोर निरीक्षण और परीक्षण करेगी वायु सेना

एचएएल से पहले बैच में मिलनेवाले दोनों तेजस एमके-1ए को भारतीय वायुसेना अपने हवाई बेड़े में शामिल करने से पहले कठोर निरीक्षण और परीक्षण करेगी। आधुनिक वायु युद्ध के लिहाज से एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में एवियोनिक्स, हथियार और रखरखाव में 43 तरह के सुधार किये गये हैं। अब तेजस एमके-1ए में अत्याधुनिक एईएसए रडार होगा, जो तेजस एमके-1 के इजरायली ईएल/एम-2032 राडार से बेहतर होगा। पहले बैच में इजरायली ईएल/एम-2052 राडार होगा, जबकि बाकी में स्वदेशी ‘उत्तम’ राडार होगा। तेजस एमके-1ए में इजरायली ईएलएल-8222 जैमर पॉड होगा, जो बीवीआर या एसएएम मिसाइलों के राडार सिग्नल को बाधित करेगा।

एचएएल के मुताबिक तेजस एमके-1ए में एक नया डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (डीएफसीसी) होगा, जो इसकी चपलता और कंप्यूटिंग शक्ति को बढ़ावा देगा। नया डीएफसीसी पावरवीसी आर्किटेक्चर का उपयोग करेगा, जिससे इसे हवा में ज्यादा समय तक बनाए रखना आसान हो जायेगा। विमान में लगा राडार चेतावनी रिसीवर (आरडब्ल्यूआर) दुश्मन के विमानों को ट्रैक और पहचान करेगा। यह रिसीवर पायलट को आनेवाली मिसाइलों या रडार लॉक के बारे में चेतावनी देगा और दुश्मन के राडार को जाम करने के लिए सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर को सक्रिय करेगा।

500 किलो एलजीबी व बिना गाइड वाले बम भी होंगे

तेजस एमके-1ए में युद्ध के लिए नजदीकी, बीवीआर और लंबी दूरी की बीवीआर बेहतर मिसाइलें होंगी। इसमें हवा से जमीन पर हमला करने के लिए 500 किलोग्राम एलजीबी और बिना गाइड वाले बम भी होंगे। तेजस एमके-1ए की रख-रखाव क्षमता में सुधार करने के लिहाज से लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (एलआरयू) और नए एलआरयू को लगाया गया है। वायु सेना की मांग पर तेजस एमके-1ए को स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले, डिजिटल मानचित्र जनरेटर, बेहतर रेडियो अल्टीमीटर और अंगद इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से लैस किया गया है। इन विशेषताओं के चलते तेजस एमके-1ए लड़ाकू जेट प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता के लिए महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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