National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बढ़ती महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर राज्यसभा में शुक्रवार को केन्द्र सरकार पर सवाल खड़े किये।
खड़गे ने शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आयोजित चर्चा के दौरान कहा कि मोदी सरकार को देश की आम जनता के हितों की परवाह नहीं है। इस सरकार को किसानों के हितों की चिन्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई से आम जनता परेशान है। रोजमर्रा की जरूरत के सामानों के दाम आसमान छू रहे हैं। आज टमाटर, प्याज, दूध, आटा, चावल, अरहर की दाल सभी के दाम दोगुने हो गये हैं, लेकिन मोदी सरकार महंगाई पर कभी नहीं बोलती है।
हालांकि, खड़गे के इस बयान पर राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने आसन के माध्यम से आपत्ति जतायी और खड़गे से इस तथ्य का प्रमाण पेश करने का अनुरोध किया। तभी खड़गे ने कहा कि वह और गोयल एक दिन बाजार खरीदारी के लिए जायेंगे और तय कर लेंगे कि कौन-कौन से सामान के दाम दोगुने हुए हैं।
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का वादा किया था। लेकिन, आज किसानों की सालाना आमदनी में 1.5 फीसदी की गिरावट आ गयी है। पिछले 05 साल में कृषि बजट का 01 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक बजट सरेंडर किया गया है।
खड़गे ने अपने सम्बोधन के दौरान अग्निवीर योजना को युवा विरोधी करार देते हुए कहा कि हाल ही में जनरल एमएम नरवणे ने बताया कि ‘अग्निपथ योजना’ में 75 फीसदी लोगों को लेना था और 25 फीसदी लोगों को रिलीज करना था। लेकिन, आज स्थिति उल्टी हो गयी है। आज इस योजना में 25 फीसदी रिटेंशन और 75 फीसदी रिलीज किया जा रहा है। बिना किसी से सलाह लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ये योजना वायुसेना और नौसेना पर भी लागू कर दी।
खड़गे ने अपने सम्बोधन में भारत-चीन सीमा विवाद का मुद्दा भी उठाया और प्रधानमंत्री से मणिपुर के मुद्दे पर भी आसन के माध्यम से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि वह मणिपुर की यात्रा क्यों नहीं कर रहे हैं।
खड़गे ने राज्यसभा में उठाया झारखंड का मुद्दा
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि झारखंड में एक चुनी हुई सरकार को कमजोर किया जा रहा है। पूर्ण बहुमत होने के बाद भी राज्यपाल सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया था।
खड़गे ने शुक्रवार को राज्यसभा में झारखंड के राजनीतिक हालात का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब झारखंड के मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया, तो उन्होंने नये मुख्यमंत्री के नाम समेत समर्थकों की लिस्ट दी। वैसे तो लिस्ट देने के बाद तुरन्त बुलाकर ‘वोट ऑफ कॉन्फिडेंस’ लिया जाता है, लेकिन इस केस में ‘वोट ऑफ कॉन्फिडेंस’ लेने के लिए राज्यपाल की ओर से 10 दिन का समय दिया गया है। इससे पहले जब नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया था, तो उनको तुरन्त शपथ ग्रहण करा दी गयी। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं, जो बेहद शर्मनाक है।
खड़गे के इस बयान पर केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आपत्ति जताते हुए कहा कि एक तरफ राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष खड़गे कह रहे हैं कि दूसरे सदन के नेता के बारे में इस सदन में चर्चा नहीं होनी चाहिए, वहीं दूसरी तरफ वह झारखंड के राज्यपाल के निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। राज्यपाल ने जो निर्णय लिया है, वह सोच-समझ कर ही लिया होगा। हालांकि, जब निर्मला सीतारमण बोल रही थीं, तो उस दौरान विपक्ष सदन से वाकआउट कर चुका था।