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शुरू करें, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने की प्रक्रिया : मुख्य सचिव

शुरू करें, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने की प्रक्रिया : मुख्य सचिव

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झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसायटी की गवर्निंग काउंसिल की 11वीं बैठक

Ranchi news : झारखंड में खेल-कूद की गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए प्रतिभाओं को प्रशिक्षित कर निखारने के लिए खेल विश्वविद्यालय खुलेगा। खेल विश्वविद्यालय का संचालन झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसायटी और सीसीएल के संयुक्त तत्वावधान में होगा। शुक्रवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इसकी प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि एक कमिटी बना कर बिहार के राजगीर में खुले खेल विश्वविद्यालय सहित अन्य राज्यों के खेल विश्वविद्यालयों का अध्ययन करें और झारखंड की जरूरतों के अनुसार उसका इस्तेमाल करें। उन्होंने खेल गांव में 200 एकड़ में फैले 4 इनडोर और 6 आउटडोर स्टेडियम सहित अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के समुचित उपयोग पर बल देते हुए निर्देश दिये कि राज्य की खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए और क्या बेहतर हो सकता है, उस पर फोकस करें। वह शुक्रवार को झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसायटी की गवर्निंग काउंसिल की 11वीं बैठक को सम्बोधित कर रही थीं।

खेल प्रशिक्षण के लिए चयनित बच्चों के लिए खेल गांव में खुलेगा स्कूल

मुख्य सचिव ने 4-5 साल तक के बच्चों को स्पोर्ट्स एकेडमी से जोड़ने की पहल करने का सुझाव देते हुए कहा कि विदेशों में लगभग इसी उम्र से बच्चों को प्रशिक्षित कर अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाया जाता है। बैठक में स्पोर्ट्स एकेडमी से जुड़े बच्चों की शिक्षा के लिए वहां सरकारी प्लस-2 स्कूल खोलने के सुझाव को स्वीकार करते हुए स्कूली शिक्षा सचिव को इसकी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया। बताया गया कि स्पोर्टस एकेडमी के पास इंफ्रास्ट्रक्चर है, सिर्फ शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जरूरत है।

200 एकड़ के कैंपस में चल रहा स्पोर्ट्स एकेडमी

बताते चलें कि झारखंड में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए झारखंड स्टेट स्पोर्ट्स प्रमोशन सोसायटी और सीसीएल के बीच 50-50 प्रतिशत के योगदान से 2015 में 30 साल के लिए एमओयू हुआ था। दोनों के संयुक्त तत्वावधान में 2016 से रांची के खेलगांव में स्कूली खेल प्रतिभाओं का चयन कर उन्हें निखारने के लिए रहने, खाने, पढ़ने के साथ विभिन्न खेलों के प्रशिक्षण की सुविधा दी गयी है। यहां 1400 बच्चों के प्रशिक्षण की सुविधा है, लेकिन अभी यहां 92 लड़के और 128 लड़कियों को मिलाकर कुल 220 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षक और सपोर्ट स्टाफ की संख्या 47 हैं। मुख्य सचिव ने इसकी संख्या बढ़ाने पर बल दिया।

बैठक में बताया गया कि फिलहाल स्पोर्ट्स एकेडमी में 11 खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चार अन्य खेलों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। इसके लिए प्रशिक्षकों के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 2021-22 से अभी तक स्पोर्ट्स एकेडमी से प्रशिक्षित 1628 बच्चे विभिन्न स्पर्धाओं में कई मेडल जीते हैं। उसमें अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 4 गोल्ड, चार सिल्वर और 6 कांस्य पदक, राष्ट्रीय स्पर्धा में 74 गोल्ड, 70 सिल्वर और 118 कांस्य पदक सहित राज्यस्तरीय स्पर्धाओं में 763 गोल्ड 352 सिल्वर और 227 कांस्य पदक शामिल हैं।  

सीसीएल ने दिया 05 मेगावाट का सोलर सिस्टम लगाने का प्रस्ताव

बैठक में स्पोर्ट्स एकेडमी के पार्टनर सीसीएल ने स्पोर्ट्स एकेडमी की गतिविधियों में बिजली की भारी खपत को देखते हुए खेल गांव में 05 मेगावाट का सोलर सिस्टम लगाने का प्रस्ताव रखा। इसका खर्च सीसीएल अपने सीएसआर फंड से करेगा। बताया गया कि बिजली बिल की बचत के पैसे का उपयोग खेल गतिविधियों को और उन्नत बनाने में किया जायेगा। वहीं, खेल-कूद विभाग की ओर से बताया गया कि खेल गांव में स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर 15 साल पुराना हो चुका है और उसके जीर्णोद्धार की जरूरत है। मुख्य सचिव ने इस दिशा में आगे बढ़ने के निर्देश दिये।

बैठक में गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, खेल-कूद विभाग के सचिव मनोज कुमार, स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, सीसीएल के सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह समेत स्पोर्ट्स एकेडमी से जुड़े पदाधिकारी शामिल थे।

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