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Strong India : अब चीनी सेना की नहीं पड़ेगी नजर, एलएसी पर नयी रणनीतिक सड़क बना रहा है भारत

border road

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National news, international news, India-  China border, lac : दिन पर दिन भारत हर क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। वह अपने सुरक्षा को लेकर भी बहुत ज्यादा संजीदा है। अब भारत ऐसी नयी रणनीतिक सड़क के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आगे बढ़ रहा है, जिस पर चीनी सेना की नजर तक नहीं पड़ेगी।  इसी वर्ष नवम्बर तक तैयार होने वाली यह सड़क भारतीय सेना को चीनियों से सुरक्षित रखेगी। चीन सीमा पर ससोमा से दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) तक यह नयी सड़क न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि भारत के उत्तरी सैन्य अड्डे डीबीओ तक इस नई सड़क से अग्रिम पंक्ति को मजबूत करने के लिए सैनिकों, हथियारों और रसद की आवाजाही आसान होगी।

सबसे ज्यादा 70 घंटे तक चली यह बैठक

चीन की विस्तारवादी नीतियों के कारण लद्दाख के रणनीतिक परिदृश्य को नया आकार देने की होड़ में हिंसक आचरण और सैन्य महत्त्वाकांक्षाओं के कारण भारत के साथ सीमा विवाद बना हुआ है। भारत और चीन के बीच 19वें दौर की सैन्य वार्ता 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो में हुई थी। साढ़े तीन साल से चल रहे गतिरोध के बीच यह बैठक सबसे ज्यादा 70 घंटे तक चली, जिसमें दोनों पक्ष लद्दाख सेक्टर में एलएसी (LAC) के साथ शेष मुद्दों को हल करने पर सहमत हुए। इसके बावजूद चीन लगातार सीमावर्ती इलाकों में अपना बुनियादी ढांचा खड़ा करने से पीछे नहीं हट रहा है।

सीमावर्ती इलाकों में अपनी पहुंच आसान बना रहा भारत

इसी के जवाब में भारत भी एलएसी के सीमावर्ती इलाकों में सड़कों का जाल बिछाकर अपनी पहुंच को लगातार आसान बना रहा है, क्योंकि चीन के साथ 1962 के युद्ध में भारत को बुनियादी ढांचे की कमी से कई सबक सीखने को मिले थे। इसी क्रम में भारत रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण एक दूरस्थ चौकी के पास वैकल्पिक कनेक्टिविटी के लिहाज से एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना को पूरा करने के कगार पर है। नवम्बर के अंत तक तैयार होनेवाली यह सड़क भारतीय सेना को चीनियों से सुरक्षित रखेगी, क्योंकि इस पर चीनी सेना की नजर नहीं पड़ सकती। साथ ही अग्रिम पंक्ति को मजबूत करने के लिए सैनिकों, हथियारों और रसद पहुंचाने के लिए आवाजाही आसान होगी।

 सड़क का निर्माण अंतिम चरण में

इस परियोजना से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि नई सड़क को एलएसी के उस पार से नहीं देखा जा सकता है, जबकि दरबुक से डीबीओ तक जाने वाली एकमात्र मौजूदा 255 किमी. लम्बी सड़क तक चीन की पहुंच आसान है। नुब्रा घाटी में ससोमा से काराकोरम दर्रे के पास डीबीओ तक 130 किमी लंबी सड़क का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। ससोमा और 17,600 फुट ऊंचे सासेर ला के बीच 52 किमी की दूरी में से 46 किलोमीटर को ब्लैकटॉप कर दिया गया है और केवल 6 किलोमीटर ही बचा है। बचा हुआ कार्य पूरा करने के लिए इस समय लगभग 2,000 लोग काम कर रहे हैं। इसलिए साल के अंत तक पूरी तरह से ब्लैकटॉप होने की भी उम्मीद है।

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