– 

Bengali
 – 
bn

English
 – 
en

Gujarati
 – 
gu

Hindi
 – 
hi

Kannada
 – 
kn

Malayalam
 – 
ml

Marathi
 – 
mr

Punjabi
 – 
pa

Tamil
 – 
ta

Telugu
 – 
te

Urdu
 – 
ur

होम

वीडियो

वेब स्टोरी

सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को लगा बड़ा झटका, ईवीएम के वीवीपीएटी से नहीं होगा शत-प्रतिशत मिलान 

13efc531 d397 4541 a26d 9f6032237e53

Share this:

याचिकाकर्ताओं की मांग हुई खारिज, माननीय न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई के बाद फैसला रख लिया था सुरक्षित

Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : ईवीम-वीवीपीएटी मामले में सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के वीवीपीएटी से शत-प्रतिशत मिलान की मांगवाली याचिका खारिज कर दी है। माननीय न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि ईवीएम पर मतदाताओं का विश्वास बनाये रखने के लिए उसके वोट और वीवीपीएटी की पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती करायी जानी चाहिए।

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों के साथ वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों का मिलान वाली याचिका पर अपना फैसला सुनाया है।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने दो अलग-अलग फैसले लिखे हैं। लेकिन, दोनों में सहमति है। सुप्रीम कोर्ट ने दो दिशा-निर्देश जारी किये हैं। पहला यह कि सिंबल लोडिंग प्रक्रिया खत्म होने के बाद सिंबल लोडिंग यूनिट को सील किया जाये। सिंबल लोडिंग यूनिट को 45 दिनों तक संरक्षित कर रखा जाये। दूसरा यह कि चुनाव परिणाम की घोषणा होने के बाद दूसरे और तीसरे नम्बर के उम्मीदवार के आग्रह पर इंजीनियर्स की टीम माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच करेगी। दूसरे और तीसरे नम्बर के उम्मीदवार चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद सात दिनों के अंदर माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच के लिए आग्रह कर सकेंगे। माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच का खर्च जांच का आग्रह करनेवाले उम्मीदवार वहन करेंगे। अगर माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच में यह पाया जाता है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गयी है, तो जांच का खर्च लौटा दिया जायेगा। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को इलेक्ट्रॉनिक मशीन के जरिये पेपर पर्ची के वोटों की गिनती के सुझाव का परीक्षण करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को हर पार्टी के सिंबल के लिए बार कोड का इस्तेमाल करने के सुझाव का भी परीक्षण करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को निर्वाचन आयोग से ईवीएम की कार्यप्रणाली पर स्पष्टीकरण मांगे थे, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

चुनावी प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अपनाये गये कदमों के बारे में विस्तार से बताने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह एक चुनावी प्रक्रिया है। इसमें पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जो कुछ सम्भावनाएं बनती हैं, वे नहीं की जा रही हैं।

Share this:




Related Updates


Latest Updates